एजेंसी, अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने वडोदरा नगर निगम द्वारा शहर में उनके घर के बगल में स्थित करीब 978 वर्ग मीटर के भूखंड से उन्हें हटाने के आदेश को चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट ने कब्जे के भूखंड को अतिक्रमण मानते हुए प्लॉट की कीमत का भुगतान करने संबंधी यूसुफ पठान की याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि चर्चित हस्तियों की जवाबदेही ज्यादा होती है और उन्हें रियायत देने से गलत संदेश जाएगा। साथ ही कहा कि ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अतिक्रमण को नियमित करने के समान होगा।
वापस लेने की प्रक्रिया शुरू
वडोदरा नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कोर्ट के फैसले के बाद निगम ने यूसुफ पठान के कब्जे वाले भूखंड को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दरअसल, वडोदरा महानगर पालिका ने गत वर्ष इस भूखंड को खाली करने का नोटिस दिया था, जिसके खिलाफ पठान ने याचिका दायर की थी।
जानकारी के मुताबिक, पठान ने अपने मकान के पास स्थित मनपा के भूखंड को कब्जे में लेकर उपयोग करना शुरू कर दिया था। वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने मनपा द्वारा बिना नीलामी भूखंड बेचने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, बावजूद इसके पठान परिवार भूखंड का उपयोग करता रहा। जून 2024 में पार्षद की शिकायत के बाद मनपा ने पठान को नोटिस देकर भूखंड खाली करने को कहा था। इसी नोटिस को चुनौती देते हुए पठान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।