तेहरान एजेंसी, Iran-Israel War: ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के प्रयास में अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। जिन जगहों पर हमले किए गए, उनमें फोर्डो, नतांज और इस्फाहान का नाम शामिल है। भारतीय समयानुसार रविवार सुबह साढ़े चार बजे हुए इन हवाई हमलों की पुष्टि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की। इस मुद्दे पर अब ईरान का पहला रिएक्शन सामने आया है, जहां उसने कहा है कि अमेरिका के हमले से उसे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने रविवार को कहा कि उनकी न्यूक्लियर साइट्स को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है, साथ ही उन्होंने रेडिएशन लीक के खतरे से भी इंकार किया। ईरान ने अमेरिका के इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया और कहा कि इस मामले में वह कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
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ईरान पर हमला करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी कि ईरान को अब शांति स्थापित करनी होगी या फिर इससे भी ज्यादा हमलों के लिए तैयार रहना होगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उनका 'शांति स्थापित करने' से मतलब क्या था। ट्रंप ने अपने इस भाषण के दौरान ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी किसी भी जवाबी कार्रवाई का तुरंत जवाब दिया जाएगा।
अमेरिका के ईरान पर हमले की इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जमकर तारीफ की। अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, बधाई हो, राष्ट्रपति ट्रंप। ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने का आपका साहसिक फैसला इतिहास बदल देगा। अमेरिकी सेना ने वो कर दिखाया है, जो दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं कर सकता है। इतिहास याद रखेगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया की सबसे खतरनाक सरकार को दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार बनाने से वंचित करने का काम किया।'
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