एजेंसी, तेहरान (Iran Israel War LIVE)। ईरान और इजरायल के बीच जंग थमती नजर नहीं आ रही है, बल्कि हर गुजरते दिन के साथ तनाव बढ़ रहा है। अब जब कि अमेरिका भी खुलकर जंग के मैदान में उतरने की तैयारी कर चुका है, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने आधिकारिक रूप से जंग का एलान किया है।
साथ ही खामेनेई ने ईरानी सेना की सर्वोच्च परिषद, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को प्रमुख शक्तियां सौंप दी हैं। ईरान इनसाइट के अनुसार, यह घटनाक्रम उन रिपोर्टों के बाद हुआ है, जिनमें बताया गया है कि खामेनेई को उनके बेटे मोजतबा सहित उनके करीबी परिवार के सदस्यों के साथ उत्तर-पूर्वी तेहरान में एक भूमिगत बंकर में भेज दिया गया है।
ईरान ने इजरायल पर एक बार फिर बड़ा पलटवार किया है। जानकारी के मुताबिक, 400 से अधिक मिसाइलें दागी गई हैं, जिनसे इजरायल में भारी नुकसान हुआ है। 13 नागरिक मारे गए हैं और 1300 से अधिक घायल हुए हैं। वहीं, इजरायली रक्षा मंत्री काट्ज ने कहा है कि यदि सरेंडर नहीं किया तो ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का सद्दाम हुसैन जैसा हश्र हो सकता है।
संभावित उत्तराधिकारियों में खामेनेई के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है। 1969 में जन्मे मोजतबा के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और ईरान के मौलवी प्रतिष्ठान, दोनों से गहरे संबंध हैं। उन्होंने ईरान-इराक युद्ध के अंतिम चरण में काम करना शुरू किया था।
एक और प्रमुख नाम अलीरेजा अराफी का है, जो खामेनेई के भरोसेमंद सहयोगी हैं। अराफी कई प्रमुख पदों पर रहे हैं, जिनमें असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स के उपाध्यक्ष और गार्जियन काउंसिल के सदस्य शामिल हैं। ईरान की सत्ता के भीतर उनकी साख उन्हें उत्तराधिकार के लिए बड़ा उम्मीदवार बनाती है।
तीसरे नंबर पर असगर हेजाजी का नाम लिया जा रहा है। सुप्रीम लीडर के कार्यालय में राजनीतिक सुरक्षा मामलों की देखरेख करने वाले अली असगर हेजाजी लंबे समय से ईरान के खुफिया तंत्र में शामिल रहे हैं और रणनीतिक निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाते हैं।
एक और नाम है गुलाम हुसैन मोहसेनी एजेई, जिन्होंने न्यायपालिका और खुफिया हलकों में दशकों बिताए हैं। उन्होंने पहले राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के अधीन ईरान के खुफिया मंत्री के रूप में कार्य किया और अटॉर्नी जनरल और न्यायपालिका प्रवक्ता सहित विभिन्न वरिष्ठ कानूनी पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।