एजेंसी, वाशिंगटन/तेहरान (Iran US Israel Conflict)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) का दावा है कि ईरान की तीन परमाणु साइट पर हमला सफल रहा है और अमेरिका वहां बड़ा नुकसान पहुंचाने में सफल रहा है। बहरहाल, इस दावे से ठीक उलट कुछ और बातें सामने आई हैं, जो ट्रम्प के लिए चिंताजनक हो सकती हैं।
इजरायल के कुछ डिफेंस एक्सपर्ट्स के साथ ही विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ईरान ने फोर्डो परमाणु संयंत्र से उच्च कोटि का 400 किलो यूरेनियम सुरक्षित स्थान पर भेज दिया था। यह यूरेनियम कहां छिपा रखा है, इस बारे में अमेरिका, इजरायल और संयुक्त राष्ट्र, किसी को पता नहीं है।
दो इजरायली अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले फोर्डो प्लांट से यूरेनियम और अन्य उपकरणों की एक बड़ी मात्रा को हटा दिया था। यह सब उस समय किया गया, जब ट्रम्प ने कहा कि वे दो हफ्तों में तय करेंगे कि अमेरिका, ईरान पर हमला करेगा या नहीं।
हमसे से ठीक पहले ही सैटेलाइट इमेजेस का हवाला दिया जा रहा है, जिसमें कई वाहन लंबी कतार में खड़े हैं। मामा जा रहा है कि इन्हीं वाहनों से यूरेनियम को ठिकाने लगाया गया। कुछ लोग कहा रहे हैं कि इस काम में पाकिस्तान ने भी ईरान की मदद की है।
इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। ताजा खबर में इजरायल ने ईरान की परमाणु साइट फोर्डो पर हमला करने का दावा किया है। पिछले दिनों अमेरिका ने इसी जगह बम बरसाए थे और भारी नुकसान होने का दावा किया था।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने डोनाल्ड ट्रम्प की टेंशन बढ़ाने वाला बयान दिया है। मौजूदा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अभी खत्म नहीं हुआ है और कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं।
रूस ने शुरू से ईरान पर अमेरिका हमले की निंदा की है। इस बीच, सोमवार का दिन इस लिहाज से अहम होने जा रहा है कि मास्को में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे।
माना जा रहा है कि इसके साथ ही रूस का रुख भी पूरी तरह साफ हो जाएगा। देखना यही है कि क्या रूस भी इस जंग में खुलकर उतरता है और ईरान को परमाणु मदद देता है। ऐसा होता है तो दुनिया में बड़ी जंग छिड़ने की आशंका बढ़ जाएगी।
ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है, जिसमें देश के भीतर बढ़े हुए खतरे की चेतावनी दी गई है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने यह नोटिस जारी किया है। कहा गया है कि ईरान के साथ चल रही दुश्मनी का परिणाम साइबर हमलों, हिंसा और घरेलू चरमपंथी गतिविधियों के रूप में देखने को मिल सकता है।