एजेंसी, नई दिल्ली/ तेहरान (The Strait of Hormuz)। अमेरिका के हमले के बाद से ईरान बौखलाया हुआ है। ताजा खबर यह है कि ईरान की संसद ने ग्लोबल ऑयल ट्रांसपोर्ट पाइंट होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने को मंजूरी दे दी है।
इस समुद्री रास्ते से दुनिया का 20 फीसदी कच्चा तेल होकर गुजरता है। इसके बाद से दुनियाभर में आशंका जताई जा रही है कि कच्चे तेल का परिवहन महंगा होगा और नतीजन आम लोगों को महंगे पेट्रोल और डीजल के रूप में कीमत चुकाना होगी?
मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने के साथ ही ईरान द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने फैसले पर भारत की भी बारीकी से नजर है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दोहराया है कि भारत के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तेल आपूर्ति है।
मतलब अभी भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह संकट बना रहता है, तो बाकी दुनिया के साथ भारत में भी महंगाई की मार पड़ सकती है।
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने चीन से आग्रह किया कि वह ईरान को होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करे। ईरानी संसद द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने को मंजूरी दिए जाने के बाद रूबियो ने फाक्स न्यूज से कहा- ‘मैं चीन की सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह तेहरान से इस मुद्दे पर बातचीत करे।’
‘चीन अपने तेल आयात के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य पर बहुत अधिक निर्भर है। अगर ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करता है, तो यह एक और भयानक गलती होगी। अगर वह ऐसा करता है, तो यह उसके लिए आर्थिक आत्महत्या होगी।’
‘हमारे पास इससे निपटने के लिए विकल्प मौजूद हैं, लेकिन अन्य देशों को भी इस पर विचार करना चाहिए। इससे अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को हमारी अर्थव्यवस्था से कहीं ज्यादा नुकसान होगा। जलडमरूमध्य को बंद करना एक बहुत बड़ा कदम होगा, जिसका अमेरिका और अन्य देश जवाब देंगे।’