एपी, बेरुत। इजरायली सेना जहां जमीनी हमला करने के लिए गाजा पट्टी में घुसने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर ईरान समर्थित लेबनान के अतिवादी संगठन हिजबुल्ला के उप प्रमुख शेख नईम कासेम ने खुली धमकी दी है कि इजरायल ने यदि गाजा में हमास के खिलाफ जमीनी लड़ाई छेड़ी तो उसे बड़ी कीमत चुकानी होगी। शेख नईम कासेम ने कहा कि बीते 15 दिनों से इजरायली सेना से लड़कर हम इजरायली सेना को कमजोर कर रहे हैं। भविष्य में हमें इसका पूरा लाभ मिलेगा। हिजबुल्ला ने इजरायल से युद्ध के लिए तैयार होने का ऐलान किया है।
मिस्र से फिलिस्तीनी क्षेत्र में सहायता की पहली खेप शनिवार को प्रवेश करने के बाद इजरायल ने एक बार फिर हमले तेज कर दिए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, 20 ट्रकों को पार करने की अनुमति को 2.4 मिलियन निवासियों की जरूरतों को देखते हुए बहुत कम बताया जा रहा है। यह समुद्र में एक बूंद के समान बताया जा रहा है।
Israel Defense Forces (IDF) tweets, "The IDF & ISA just conducted an aerial strike on a Hamas and Islamic Jihad terrorist compound in the Al-Ansar Mosque in Jenin. Recent IDF intel revealed that the Mosque was used as a command center to plan and execute terrorist attacks… pic.twitter.com/QL69jI9jvM
— ANI (@ANI) October 22, 2023
इस बीच इजरायल की सेना ने वेस्ट बैंक के जेनिन में एक मस्जिद पर हवाई हमले के साथ कई आतंकियों को ढेर कर दिया है। इजरायली सेना ने कहा है कि इस मस्जिद में हमास और इस्लामिक जिहाद आतंकवादियों का एक समूह नए हमलों की योजना बना रहा था।
इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ने के बाद गाजा पट्टी में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। यहां हजारों फिलिस्तीनियों ने राहत कैंप में शरण ली है। बीते सप्ताह इजरायल की सेना ने फिलिस्तीनियों को उत्तरी गाजा खाली करने को कहा था। इसके बाद से उत्तरी गाजा में रहने वाले हजारों फिलिस्तीनी बेघर होकर दर दर भटकने को मजबूर हैं।
फिलिस्तीनियों का ये सामूहिक पलायन साल 1948 के युद्ध के पहले और बाद के दौर में उपजी विभीषिका की याद ताजा कर रहे हैं, जब सामूहिक रूप से करीब 7 लाख फिलिस्तीनियों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। अब करीब 75 साल बाद वेस्ट बैंक, गाजा और पड़ोसी अरब देशों में वे अस्थायी तंबू ही शरणार्थियों के स्थायी घर बन गए हैं।