
डिजिटल डेस्क। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैकड़ों यहूदी और पोलिश बच्चों को बचाने वाले भारत के महाराजा दिग्विजय सिंहजी रणजीत सिंहजी की प्रतिमा का इजरायल के दक्षिणी मोशाव (किसान समुदाय) में अनावरण किया गया।
प्रतिमा जेरी क्लिंगर के सहयोग से दान की गई
भारतीय यहूदी विरासत केंद्र के एक कार्यकारी ने बताया कि यह प्रतिमा जेरी क्लिंगर के सहयोग से दान की गई है और इसका निर्माण सैम फिलिप्स ने किया है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय यहूदी विरासत केंद्र (IJHC) और कोचीनी यहूदी विरासत केंद्र (CJHC) द्वारा किया गया।
करुणाभाव के लिए याद किया गया
नवानगर रियासत (वर्तमान जामनगर, गुजरात) के महाराजा दिग्विजय सिंहजी को युद्ध के दौरान दिखाए गए उनके मानवीय करुणाभाव के लिए याद किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब यूरोप युद्ध और उत्पीड़न की लपटों में घिरा था, तब उन्होंने एक हजार से अधिक पोलिश बच्चों जिनमें कुछ यहूदी भी शामिल थे, को आश्रय दिया और उनकी जान बचाई। महाराजा ने वर्ष 1942 में जामनगर के बालाचडी गांव में इन बच्चों के लिए विशेष रूप से एक आवास बनवाया, ताकि वे युद्ध की भयावहता से सुरक्षित रह सकें।
प्रतिमा अनावरण समारोह में इजरायल में भारत के राजदूत जेपी सिंह ने महाराजा की करुणा और मानवीयता की सराहना की। उन्होंने कहा कि “महाराजा दिग्विजय सिंहजी उस दौर में आशा की किरण बने जब पूरी दुनिया अंधकार में थी।”
पोलैंड के राजदूत मैसिएज हुनिया भी मौजूद रहे
इस मौके पर इजरायल में पोलैंड के राजदूत मैसिएज हुनिया भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि पोलैंड में महाराजा की स्मृति में एक चौक, एक स्मारक और एक ट्राम का नाम रखा गया है। उन्होंने बताया कि 11 मार्च को पोलिश सरकार ने उन्हें “गुड महाराजा” के रूप में सम्मानित करते हुए कमांडर्स क्रास अवार्ड प्रदान किया।
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