डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी संघर्ष विराम पर सहमति बन गई है। जी हां, दोनों देश 48 घंटों के लिए सीजफायर पर राजी हो गए हैं। बता दें कि हालिया मुठभेड़ में दोनों देशों के को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी के आरोप लगाए हैं। झड़पें पाकिस्तान के चमन जिले और अफगनिस्तान से स्पिन बोल्डक जिले के बीच हुईं।
जानकारी हो कि इस झड़प में अफगानिस्तान ने दावा किया कि उसके ऑपरेशन में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि उसने 200 से अधिक अफगान सैनिकों को मार गिराया है और उसके 23 सैनिक मारे गए हैं। अब देखना यह भी होगा कि इस 48 घंटे के सीजफायर के दौरान दोनों देशों के बीच बात बनती है या और बिगड़ती है।
इधर, पाकिस्तान की धरती पर आतंक का चेहरा कहे जाने वाला मसूद अजहर अब छिपने पर मजबूर है। ऑपरेशन सिंदूर में अपने परिवार को खोने के बाद वह पूरी तरह भूमिगत हो गया है। पाकिस्तान की सेना उसे जनता और भारतीय एजेंसियों की नज़रों से दूर रख रही है।
आइएसआइ के लिए अब स्थिति और जटिल हो गई है। जैश के कई आतंकी तालिबान से संबंध बिगड़ने के कारण असंतुष्ट हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान सरकार अब खुद टीटीपी, बीएलए और अफगान तालिबान से जूझ रही है। अंदरूनी विद्रोह और बाहरी दबाव से उसकी नीतियां चरमरा गई हैं।
भारतीय एजेंसियों के अनुसार, जैश अब किसी बड़े हमले की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा। वह केवल सोशल मीडिया और फर्जी वीडियो के जरिये अपने अस्तित्व का भ्रम बनाए रखेगा। मसूद अजहर की खामोशी और नेतृत्वहीनता ने पाकिस्तान की आतंक नीति को पूरी तरह कमजोर कर दिया है।
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