
डिजिटल डेस्क। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चार न्यायाधीशों द्वारा 27वें संविधान संशोधन को चुनौती देने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यह याचिका नवगठित फेडरल कॉन्स्टिट्यूशन कोर्ट में ही प्रस्तुत की जानी चाहिए।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश मोहसिन अख्तर कयानी, बाबर सत्तार, सरदार एजाज इशाक खान और समान रिफत इम्तियाज ने अनुच्छेद 184(3) के तहत संशोधन को चुनौती देते हुए याचिका सीधे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, प्रक्रिया के तहत याचिकाकर्ता न्यायाधीश न तो सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और न ही उन्होंने बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन पूरा किया, जिसे इस निर्णय का एक महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है।
फेडरल कॉन्स्टिट्यूशन कोर्ट गठित
यही संशोधन पाकिस्तान सरकार द्वारा फेडरल कॉन्स्टिट्यूशन कोर्ट गठित करने का आधार बना है। संशोधन लागू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को सीमित कर दिया गया है और अब उसे केवल दीवानी और फौजदारी मामलों की सुनवाई का अधिकार प्राप्त है।
इसी बदलाव के विरोध में हाईकोर्ट के न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
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