World Turtle Day 2023: डायनासोर के भी पहले 20 करोड़ साल से धरती पर हैं कछुए, जानें रोचक जानकारी
World Turtle Day 2023 कछुआ दुनिया का सबसे प्राचीन जीव है और 200 मिलियन वर्ष पुराने इस जीव को उसकी मोटी खोल ही उसे दुर्लभ
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Tue, 23 May 2023 11:30:43 AM (IST)
Updated Date: Tue, 23 May 2023 11:41:17 AM (IST)

World Turtle Day 2023। दुनियाभर में हर साल 23 मई को World Turtle Day मनाया जाता है। कछुए इस धरती पर रहने वाला एक शानदार जीव हैं, जो स्पीड तो बहुत ज्यादा नहीं होती है लेकिन काफी लंबी उम्र जीने वाला एक प्राणी है।
कछुए को सरीसृप समूह का प्राणी माना जाता है। कछुए को सांप, मगरमच्छ और घड़ियाल से भी पुरानी प्रजाति माना जाता है। जीव वैज्ञानिकों को अभी तक हुए शोध में यह पता चला है कि Turtle धरती पर 200 मिलियन वर्ष से अधिक समय से निवास कर रहे हैं और पूरी दुनिया में इसकी करीब 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती थी, जिसमें अब तक करीब 129 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है।
कैसे हुई World Turtle Day की शुरुआत
कछुओं को उनके प्राकृतिक आवास में रहने और समृद्धि के लिए हर साल जागरूकता फैलाने के लिए World Turtle Day दिवस मनाया जाता है। World Turtle Day का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। साल 1990 में पति-पत्नी सुसान टेललेम और मार्शल थॉम्पसन ने कछुओं की सुरक्षा के लिए अमेरिका में सबसे पहले World Turtle Day मनाने की शुरुआत की थी। दोनों पति-पति एक एनजीओ के लिए काम करते थे। कुछ ही सालों में उनकी यह मुहिम रंग लाई और दुनिया के अधिकांश देशों में 23 मई को World Turtle Day मनाया जाने लगा।
दुनिया में किस इलाके में कछुओं की भरमार
आमतौर दुनिया के हर देश में
कछुए पाए जाते हैं लेकिन कछुए की कई दुर्लभ प्रजातियां सिर्फ इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, पापुआ न्यू गिनी, तटीय पूर्वी अफ्रीका, कैरेबियन में मेसोअमेरिका रीफ और गैलापागोस द्वीप समूह में पाई जाती है। इसके अलावा कैलिफोर्निया की खाड़ी को भी समुद्री कछुओं का प्राकृतिक निवास स्थान माना जाता है। जहां लाखों सालों से कछुए निवास कर रहे हैं।
कछुए की खोल क्यों बनी जान की दुश्मन
कछुआ दुनिया का सबसे प्राचीन जीव है और 200 मिलियन वर्ष पुराने इस जीव को उसकी मोटी खोल ही उसे दुर्लभ बनाती है। कछुए का खोल सभी सरीसृपों के बीच एक अनूठी विशेषता रखता है। कछुए की खोल दो लेयर में निर्मित होती है। ऊपरी खोल को कैरेपेस कहा जाता है। उसकी नीचे की वाली खोल को प्लैस्ट्रॉन कहा जाता है। कछुए की यही खाल उसकी दुश्मन बन गई है। हर साल खाल के लिए लाखों कछुओं की अवैध तस्करी की जाती है और उन्हें मार दिया जाता है।
पेड़ के समान कछुए की खाल में भी छल्ले
पेड़ों की उम्र पता करने के लिए जिस प्रकार तने में छल्लों की गिनती की जाती है, उसी प्रकार कछुए की खाल में भी छल्ले निर्मित होते हैं और उसी से किसी कछुए की उम्र का निर्धारण होता है। समुद्री कछुए जहां अपना पूरा जीवन पानी में बिताते हैं। वहीं अर्ध जलीय कछुए या मीठे पानी के कछुए भूमि और जमीन दोनों में समान रूप से अपना जीवन बिताते हैं। समुद्री कछुए कई घंटों तक अपनी सांस रोककर रह सकते हैं। समुद्री कछुए अच्छे गोताखोर भी होते हैं। इनकी कुछ प्रजातियां समुद्र में 1000 फीट तक की गहराई में गोता लगा सकती है।