
सकल दिगंबर जैन समाज ने की उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना
छिंदवाड़ा। उत्तम क्षमा मार्दव आर्जव भाव है, सत्य शौच सयंम तप त्याग उपाव है। आकिंचन्य ब्रह्मचर्य धरम दश सार है, चहुंगति दुखते का काढि मुकति करतार है। मंगलगान के साथ दशलक्षण महापर्व की आराधना करते हुए दिगंबर जैन समाज के साथ मुमुक्षु मंडल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन के जिन शासन सेवकों ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का गुणगान कर सच्चे ब्रह्मचर्य धर्म का स्वरूप जाना। फेडरेशन सचिव दीपकराज जैन ने बताया कि बुधवार को सम्यक रत्नात्रय धर्म, सोलहकारण व्रतों की आराधना के साथ महोत्सव की पूर्णता की जाएगी एवं गुरुवार 3 सितंबर को विश्व मैत्री दिवस क्षमावाणी महोत्सव मनाया जाएगा। छिंदवाड़ा सहित संपूर्ण प्रदेश के समस्त पशुवधगृह बंद रहेंगे।
अनन्त चतुर्दशी को प्रात? काल की मंगल बेला पर सकल समाज ने नगर के समस्त दिगम्बर जिनालयों एवं चैत्यालयों में श्रीजी का प्रक्षालन किया पश्चात ऑनलाइन पूजन में वीतरागी देव - शास्त्र - गुरु भगवंतों के साथ सोलहकारण पूजन, रत्नात्रय पूजन एवं दशलक्षण पूजन कर मंगलगान करते हुए ब्रह्मचर्य धर्म का महत्व बताया। पूजन के पश्चात प्रवचनों की श्रृंखला में पं. रजनीभाई दोशी ने कहा कि महान पुण्योदय से यह समागम प्राप्त हुआ है। दशलक्षण महापर्व की आराधना करते हुए परिणामों में अति निर्मलता आ गई है अत? अब इन निर्मल परिणामों को बनाए रखने के लिए वर्ष भर यही दिनचर्या बनाए रखें। पं. अंकुर शास्त्री ने छहढाला की ऑनलाइन कक्षा में सम्यक्त्व की महिमा को प्रतिपादित किया। उन्होंने कहा कि सम्यक्त्व सहित जीव की महिमा स्वर्ग के देव भी करते हैं। सम्यग्दृष्टि भले गृहस्थ ही क्यों न हो लेकिन वो मोक्षमार्गी है तथा वह घर में रहते हुए भी वैसे ही रहता है जैसे कीचड़ में कमल होता है। ब्रह्मचर्य धर्म को दश धर्मों का सार बताते हुए उन्होंने कहा कि सर्व धर्मों की आराधना के बाद वास्तव में ब्रह्मचर्य की उपलब्धि ही जीव का ध्येय है। ब्रह्मचर्य धर्म को भी आचार्यों ने दो प्रकार से वर्णित किया है जिसमे निश्चय ब्रह्मचर्य आत्म रमणता रूप है जबकि व्यवहार ब्रह्मचर्य स्त्री अथवा पुरुष के प्रति काम वासना के परिणाम से विरति रूप है। पं. राजकुमार शास्त्री ने कहा कि उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के साथ दशलक्षण धर्म के धारी दिगंबर महामुनिराज ही होते हैं जिन्हें हम चलते फिरते सिद्धों की उपमा देते हैं। कोई प्रशंसा या करे या कोई निंदा करे धन्य हैं दिगम्बर मुनिराज जो सबके प्रति समता का भाव रखते हैं।
चार दिन पहले बहे युवक की शव माचागोरा में मिला
बालिका का नहीं लगा सुराग
छिंदवाड़ा। चंदनगांव निवासी बसंत बेलवंशी (38) तथा उसकी भांजी रुपाली बारसिया (8) सिंगोड़ी के समीप कटियानाला जाते समय नाले में चार दिन पहले बह गए थे। अगले दिन 100 मीटर आगे ही बसंत की बाइक नाले में मिल गई थी लेकिन मामा भांजी का कोई सुराग नहीं लग पाया था। सिंगोड़ी पुलिस लगातार दोनों की तलाश में लगी हुई थी। मंगलवार को मागाचोरा जलाशय में गेट के समीप युवक का शव तैरता दिखाई दिया। सिंगोड़ी चौकी प्रभारी अभिषेक प्यासी ने बताया कि संभवत वह बसंत का शव है जिसकी तलाश की जा रही थी। शव को देर शाम को माचागोरा जलाशय से निकालने का प्रयास किया गया। वहीं बालिका रुपाली की तलाश में सिंगोड़ी पुलिस जुटी हुई थी।
दिव्यांगों और जरूरतमंदो को एनजीओ ने की मदद
छिंदवाड़ा। ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान पहले लॉकडाउन के शुरुआत से दिव्यांगजनों के साथ जरूरतमंदों को निरन्तर मदद कर रही है। संस्था विगत दिनों हुई बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों को भी मदद कर रही है। संस्था प्रमुख श्यामराव धवले ने बताया कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण लोगों की गृहस्थी का सामान खराब हो गया है। जरूरतमंद लोगों और दिव्यांगजनों को संस्था द्वारा राशन किट वितरित की जा रही हैं। संस्था द्वारा जामसांवली हनुमान मंदिर परिसर में रहने वाले मानसिक रोगियों और उनके परिजनों को निरन्तर राशन किट वितरित की जा रही है। इस दौरान हनुमान मंदिर जामसांवली ट्रस्ट कमेटी के सदस्य संजय डवरे, संस्था के विजय धवले, विजय वनकर,श्रीराम बोबडे उपस्थित थे।