फोटो 11
प्राकृतिक तरीके से की जा रही मशरूम की पैदावार
दमुआ। प्रधान मंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की सोच पर आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं ने पांच साल पहले से अमल कर खुशहाली की तरफ कदम बढ़ा दिए थे। आज चिकटबर्री पंचायत का मजरा टोला डुग्गालाम और रामपुर क्षेत्र का गांव पिंडरई कला अपने खास उत्पादन प्राकृतिक मशरूम की वजह से जिले भर में जाना जा रहा है और इसके पीछे पूरे जिले भर में निशक्त जनों की सेवा करने वाले समाज सेवी राजेंद्र कुमार शर्मा की मेहनत है। जिससे डुग्गालाम की दस से ज्यादा आदिवासी महिलाएं समृद्धि के साथ आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ चली हैं। समूह की बबीता बैठे और सुनीता दर्शमा ने बताया उन्होंने स्व सहायता समूह का नाम भी इसी वजह से समृद्धि स्व सहायता समूह रखा गया है । क्षेत्र में आदिवासियों से प्राकृतिक और पौष्टिक मशरूम को व्यावसायिक स्तर का उत्पाद बना देने वाले श्री शर्मा बताते हैं कि मशरूम उत्पादन की शुरुआत उन्होंने पिंडरई कला गांव की काम के प्रति निष्ठावान और समर्पित कमला बाई अटकोम और सुगन्ती दर्शमा के प्रयासों से की थी। माहुल के पत्तों से दोने पत्तल और जंगली घास से झाड़ू निर्माण का काम भी यहीं से शुरू हुआ था। पिंडरई कला के मालादेव स्व सहायता समूह की तरक्की और आत्मनिर्भरता ने ही डुग्गालाम के स्व सहायता समूह को प्रेरणा दी और आज दोनों ही स्व सहायता समूह क्षेत्र में आत्म निर्भरता की नई इबारत लिख रहे हैं।
सफलता पूर्वक मशरूम का उत्पादन कर रही है महिलाएं
राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया इस वर्ष 2020 में भी मशरूम की खेती की तैयारी पूरी कर ली गई है। वे कहते हैं हर वर्ष अग्रिम आर्डर लिए जाते हैं। इस वर्ष भी मशरूम 25 सितंबर से जन सामान्य को उपलब्ध हो जाएगी। आमजन मशरूम के लिए स्व सहायता समूह अथवा संपर्क नंबर 7773098530 पर काल कर सकते हैं।
मशरूम खाना है फायदेमंद
मशरूम एक शुद्ध शाकाहारी भोजन है। मशरूम शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिसके कारण सर्दी, खांसी, जुकाम होने की संभावना कम रहती है। मशरूम में कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फेट (वसा) नहीं होता। यह शरीर में प्राकृतिक इन्सुलिन को बनाता है। मशरूम में विटामिन डी हीने के कारण यह जोड़ों में दर्द को दूर करता है। मशरूम में आयरन भरपूर मात्रा में होने के कारण खून में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
ऑनलाइन होगी बीए और एमए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं
दमुआ। लंबे अंतराल के बाद उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन ने आदेश जारी कर साफ कर दिया कि बीए और एमए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर माह में ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। शासकीय महाविद्यालय दमुआ के प्रभारी प्राचार्य अजय कुमार नावरे ने यह जानकारी दी कि इस प्रक्रिया के तहत इन परीक्षाओं की समय सारणी घोषित की जाएगी तथा विभाग द्वारा निर्धारित वेबसाइट पर सभी विषय के प्रश्न पत्रों को अपलोड कर विद्यार्थियों से ओपन बुक प्रणाली से उत्तर पुस्तिका लिखवाई जाएगी, जो संग्रहण केंद्रों पर एकत्रित की जाएगी, जहां से उन्हें अग्रणी महाविद्यालय भेजा जाएगा । उन्होंने बताया उच्च शिक्षा के प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा भी आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर संपन्ना की जाएगी जिसमें बी. ए. प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए आंतरिक मूल्यांकन के प्राप्त अंकों को आधार मानकर 100 प्रतिशत मूल्यांकन के अंक प्रदान किए जाएंगे तथा बी. ए. द्वितीय वर्ष व एम.ए. द्वितीय सेमेस्टर के लिए गत वर्ष या सेमेस्टर के प्राप्त अंकों का 50प्रतिशत तथा वर्तमान वर्ष के आंतरिक मूल्यांकन का 50प्रतिशत जोड़कर उसे वर्तमान सत्र का प्राप्तांक मानते हुए परीक्षा परिणाम घोषित कर अगले सत्र में प्रवेश दिया जाएगा।