
बिजनेस डेस्क। भारत की महिलाएं दुनिया की सबसे बड़ी सोना रखने वाली निवेशक हैं। उनके पास इतना सोना है, जितना अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और जापान जैसे 10 बड़े देशों के पास मिलाकर भी नहीं है। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय महिलाओं के पास लगभग 25,488 टन सोना है।
यह आंकड़ा दुनिया के कई देशों के आधिकारिक गोल्ड रिजर्व से कहीं ज्यादा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत घरेलू सोने के मामले में सबसे आगे है। अकेले भारतीय महिलाओं के पास दुनिया के कुल आभूषण सोने का लगभग 11% यानी करीब 24,000 टन सोना मौजूद है।
इतना सोना कि चौंका देंगे आंकड़े
भारतीय महिलाओं के पास मौजूद सोना अमेरिका जैसे देश से भी ज्यादा है। अमेरिका, जिसके पास 8,133 टन सोना है, वहीं चीन के पास 2,279 टन और रूस के पास 2,332 टन सोना है। 2025 में भारतीय महिलाओं की गोल्ड होल्डिंग 25,000 टन से भी अधिक हो गई है।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस सोने का मौद्रिक मूल्य निकाला जाए, तो यह 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर बैठेगा, जो भारत की जीडीपी का लगभग आधा है।
दक्षिण भारत की महिलाओं के पास सबसे ज्यादा
रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत में कुल सोने का 40% हिस्सा दक्षिण भारत की महिलाओं के पास है। इसमें अकेले तमिलनाडु की महिलाओं की हिस्सेदारी 28% है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक अध्ययन के अनुसार, 2020–21 में भारतीय घरों के पास 21,000–23,000 टन सोना था। यह आंकड़ा 2023 तक बढ़कर 24,000–25,000 टन तक पहुंच गया।
भारत की अर्थव्यवस्था के लिए "छिपी ताकत"
जानकारों का कहना है कि भारतीय महिलाओं के पास मौजूद यह सोना देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक छिपी हुई ताकत है। अगर इसका थोड़ा सा हिस्सा भी औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाया जाए, तो भारत के निवेश और विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ सकती है।