कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल ने 1000 से ज़्यादा स्थानीय डॉक्टरों के लिए दो दिनों में 11 सीएमई का आयोजन किया
हॉस्पिटल के विशेषज्ञों द्वारा संचालित इन सीएमई में चिकित्सा में हुई उन्नति और नए अस्पताल में उपलब्ध आधुनिक स्वास्थ्यसेवा सुविधाओं पर प्रकाश डाला गया।दो दिनों में 11 सीएमई, यह क्षेत्र में चलाया गया सबसे बड़ा सीएमई प्रोग्राम है।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 08 Nov 2022 09:35:20 PM (IST)
Updated Date: Tue, 08 Nov 2022 09:35:20 PM (IST)

इंदौर के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के शुरू होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही गतिविधियों में, 6 और 7 नवंबर को सीएमई (कन्टीन्युइंग मेडिकल एज्युकेशन) प्रोग्राम्स की एक सीरीज़ चलायी गयी। चिकित्सा में नयी उन्नतियों के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित की गयी इस सीएमई सीरीज़ में 1000से ज़्यादा स्थानीयडॉक्टर्स ने हिस्सा लिया। इतने बड़े पैमाने पर सीएमई का आयोजन मध्य प्रदेश में पहली बार हुआ है। इंदौर में शुरू हो रहे नए कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में उपलब्ध आधुनिक स्वास्थ्यसेवा सुविधाओं की भी जानकारी सीएमई में दी गयी। 6 और 7 नवंबर को देवास, धर उज्जैन और इंदौर में एक के बाद एक कुल 11सीएमई का आयोजन किया गया। इंदौर में इन दो दिनों में कई सीएमई आयोजित किए गए।
सीएमई में कई महत्वपूर्ण स्पेशलिटीज़ से जुड़े मुद्दों को शामिल किया गया।कार्डिओलॉजी, ट्रांसप्लांट मेडिसिन, ऑन्कोलॉजी, जॉइंट रिप्लेसमेंट और रोबोटिक सर्जरी के साथ-साथ आधुनिकतम बुनियादी सुविधाओं के ज़रिए चिकित्सा प्रौद्योगिकी में उन्नति के ज़रिए इन स्पेशलिटीज़ में आए हुए बदलावों के बारे में भी सीएमई में जानकारी दी गयी। सीएमई में विशेषज्ञों ने नए अस्पताल में क्षेत्र के मरीज़ों के लाभ के लिए बनायीं गयी आधुनिकतम सुविधाओं पर प्रकाश डाला। मरीज़ों को लगातार देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए, मानकीकृत प्रोटोकॉल और केयर पाथवे पर आधारित ट्रीटमेंट मॉडल्स के साथ उच्च गुणवत्तापूर्णमेडिकल सेवाएं प्रदान करने के लिए अस्पताल में अपनायी जाने वाली फुल टाइम स्पेशलिस्ट सिस्टम के लाभों पर भी सीएमई प्रोग्राम में ध्यान केंद्रित किया गया।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में एफटीएसएस को अग्रणी इंटरनेशनल मेडिकल सेंटर्स की प्रथाओं के अनुरूप बनाया गया है। इसकी वजह से समर्पित स्पेशलिस्ट्स उपलब्ध रहते हैं और उन तक पहुंच बनी रहती है, संसाधनों, निपुणता और क्षमताओं को एक ही छत के नीचे लाकर मरीज़ों और मल्टी-सिस्टेमेटिक बिमारियों की बढ़ती संख्या की ज़रूरतों को अच्छी तरह से पूरा किया जा सकता है।