नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : बलरामपुर जिले के राजपुर में गणेश विसर्जन के दौरान डीजे की तेज आवाज के बीच नृत्य कर रहा स्कूली छात्र अचेत हो गया। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। लगभग 20 मिनट बाद पहुंचे चिकित्सक ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। डीजे की तेज आवाज के कारण हृदयाघात से मौत की संभावना जताई जा रही है।
राजपुर अस्पताल में चिकित्सक के नहीं रहने और स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से बदतमीजी करने का आरोप लगा स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
राजपुर के महुआपारा निवासी ठेकेदार विकास गुप्ता का पुत्र प्रवीण गुप्ता (15) स्वामी आत्मानंद स्कूल राजपुर में कक्षा आठवीं की पढ़ाई करता था। शनिवार को वह गणेश पंडालों में पूजा - अर्चना में व्यस्त था। शाम को गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा था। प्रवीण भी विसर्जन में शामिल हुआ। अन्य लोगों के साथ प्रवीण भी डीजे में बज रहे गाने पर नृत्य कर रहा था। अचानक उसे बेचैनी होने लगी और वह जमीन पर गिर गया। इससे जुलूस में शामिल लोग हड़बड़ा गए।
प्रवीण को तत्काल को पुलिस वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर ले जाया गया। आरोप है कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं थे। आपातकालीन सेवा में चिकित्सकों के नहीं होने पर लोगों ने नाराजगी जाहिर करनी शुरु कर दी थी इससे अस्पताल कर्मचारियों से कहासुनी भी हुई। आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने अपमानजनक व्यवहार किया। विवाद के बीच लगभग 20 मिनट बाद चिकित्सक पहुंचे।
जांच के बाद चिकित्सक ने प्रवीण को मृत घोषित कर दिया। इससे अस्पताल परिसर में शोक व आक्रोश का माहौल निर्मित हो गया। बहरहाल इस घटना से राजपुर में शोक है। मृतक प्रवीण के दोस्त घटना से सदमे में है। उनका कहना है कि पता ही नहीं चला कि अचानक क्या हो गया। प्रवीण सुबह से खुश था। पूजा-अर्चना सभी ने साथ में ही की थी। संभावना है कि डीजे की तेज आवाज के कारण उसे ह्रदयाघात आया होगा। बलरामपुर जिले में डीजे पर प्रतिबंध को लेकर कहीं भी सख्ती नहीं दिखाई गई थी। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में डीजे की शोर के बीच गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
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चिकित्सक की अनुपलब्धता और कर्मचारियों के व्यवहार से नाराज लोगों ने प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। विवाद बढ़ने की सूचना पर एसडीएम देवेंद्र प्रधान और थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। भीड़ को शांत कराया गया।स्थानीय लोगों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल कर्मचारी को तत्काल हटाने की मांग की।