
नईदुनिया प्रतिनिधि, भिलाई। महादेव ऑनलाइन सट्टा एप नेटवर्क पर पुलिस का शिकंजा लगातार कस रहा है। दुर्ग पुलिस ने 3,000 संदिग्ध लोगों की सूची तैयार की है। इन लोगों की मोबाइल गतिविधियों, बैंकिंग लेनदेन और डिजिटल वालेट की गहन निगरानी की जा रही है, क्योंकि जांच में इनकी सट्टा कारोबार में संलिप्तता का संदेह सामने आया है।
इस हाई-प्रोफाइल सूची में स्थानीय नेताओं, सरकारी अफसरों, कर्मचारियों के साथ-साथ कुछ पत्रकारों के नाम भी शामिल हैं। इस मामले में अब तक 70 एफआइआर दर्ज की गई हैं और 300 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले की जांच सीबीआइ और ईडी भी कर रही है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दुर्ग दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी महादेव सट्टा एप का मुद्दा उठाया था। जांच अधिकारियों के अनुसार, महादेव सट्टा एप की जड़ें दुर्ग जिले के गांव-गांव तक फैली हैं, जहां युवाओं को आकर्षक कमाई के नाम पर इसमें जोड़ा गया। काल सेंटर और कस्टमर सपोर्ट जैसे काम करने वाले एजेंटों के माध्यम से लाखों की संख्या में यूजर बनाए गए।
स्थानीय स्तर पर कई संचालक रातोंरात संपत्ति और लग्जरी वाहन के मालिक बने। सट्टे से होने वाले करोड़ों रुपये के लेनदेन प्रतिदिन डिजिटल चैनलों के माध्यम से दुबई में बैठे मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल तक पहुंच रहे हैं, जहां से सभी आपरेशनों को नियंत्रित किया जा रहा है। जांच के दायरे को बढ़ाते हुए सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी पुलिस की टीमों ने छापेमारी कर कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके तार सीधे दुर्ग नेटवर्क से जुड़े मिले हैं। पकड़े गए संचालकों से महत्वपूर्ण डेटा और बैंकिंग लेनदेन का पता लगा है।
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दुर्ग एसएसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि अपराध में शामिल किसी व्यक्ति को राजनीतिक, सामाजिक या प्रशासनिक प्रभाव के आधार पर राहत नहीं मिलेगी। आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी, संपति जब्ती और आर्थिक अपराध की कार्रवाई की जाएगी।