
नईदुनिया प्रतिनिधि, बीजापुर: कमजोर पड़ चुके माओवादियों ने फिर एक बार कायराना करतूत करते हुए पामेड़ थाना क्षेत्र के ग्राम मेटागुड़म में सड़क निर्माण के दौरान नारायणपुर निवासी पेटी ठेकेदार इम्तियाज़ अली की निर्ममता से पीट-पीटकर हत्या कर दी है। घटना रविवार शाम की बताई जा रही है।
ठेकेदार के एक सहयोगी ने किसी तरह मौके से भागकर इरापल्ली के मेटागुड़म सुरक्षा कैंप में पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। उसके अनुसार, निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी को लेकर माओवादी ठेकेदार को अपने साथ ले गए थे और उसके साथ मारपीट की गई थी। इधर, एसपी जितेंद्र कुमार यादव ने कहा है कि घटना की जानकारी मिली है, मामले की तस्दीक की जा रही है।
एक तरफ जहां, माओवादी हथियार छोड़कर समाज की मुख्य धारा में लौट रहे हैं, वहीं कुछ हिंसा के जरिए दहशत बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि पूरे देश के साथ-साथ बस्तर में भी माओवाद अब अपनी अंंतिम सांसे ले रहा है। छत्तीसगढ़ और अलग-अलग राज्यों में माओवादी हर रोज आत्मसमर्पण कर रहे हैं। रविवार को भी कई माओवादियों ने सरेंडर किया।
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रविवार को राज्य की प्रमुख माओवादी वारदातों ताड़मेटला हमला और झीरम कांड में शामिल माओवादी दंपती ने समर्पण कर दिया है। सुकमा जिले में वर्ष 2010 के ताड़मेटला नरसंहार में सीआरपीएफ के 76 जवान बलिदान हुए थे। वहीं, 2013 के झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की जान गई थी।
आंध्रप्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिला मुख्यालय में दरभा डिवीजन प्रभारी और 25 लाख के इनामी माओवादी जयलाल उर्फ दिरदो विज्जा औऱ उसकी पत्नी आठ लाख की इनामी माड़वी गंगी उर्फ भीमे ने पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिए।