CG High Court : शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कालेज की जमीन रजिस्ट्री पर रोक
CG High Court :राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने पक्ष रखते हुए जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने की मांग की।
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sat, 12 Aug 2023 09:09:05 AM (IST)
Updated Date: Sat, 12 Aug 2023 09:23:46 AM (IST)
HighLights
- अगर इस दौरान जमीन की रजिस्ट्री होती है तो
- उसे शून्य घोषित कर दी जाय।
बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने जमुना प्रसाद वर्मा (एसबीआर) कालेज मैदान मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिंह व जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की बेंच ने अतुल बजाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एसबीआर कालेज मैदान की जमीन की रजिस्ट्री को फैसला आने तक तत्काल रोका जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इस दौरान जमीन की रजिस्ट्री होती है तो उसे शून्य घोषित कर दी जाय। मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद कि तिथि तय कर दी है। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने पक्ष रखते हुए जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने की मांग की।
डिवीजन बेंच ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के खेल मैदान के लिए 70 साल पहले ट्रस्ट ने जमीन दान में दी थी। ट्रस्ट ने इसे बेचने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जरहाभाठा स्थित शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कालेज में कला एवं वाणिज्य संकाय की पढ़ाई होती है।
कालेज के सामने बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाइवे पर 2.38 एकड़ जमीन है। इसे कालेज के विद्यार्थी खेल मैदान के रूप में उपयोग करते है। उक्त जमीन को शिव भगवान रामेश्वर लाल चैरिटेबल ट्रस्ट ने 70 साल पहले खेल मैदान के रूप में उपयोग करने दान में दिया था। ट्रस्ट ने खसरा नंबर 107/3 रकबा 0.40 हेक्टेयर व खसरा नंबर 108/3 रकबा 0.9222 हैक्टेयर जमीन का उपयोग खेल मैदान के रूप में हो रहा है।
ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने वर्ष 2019 में बिलासपुर एसडीएम कोर्ट में आवेदन पेश किया था। इसकी जानकारी के बाद कालेज खेल मैदान होने के चलते जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। कालेज के छात्रों के अलावा शहर के कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
जिसके बाद उक्त खेल मैदान को बेचने की अनुमति एसडीएम ने रद कर दिया था। एसडीएम के फैसले के बाद शिव भगवान चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी कमल बजाज, चिराग बजाज, अनन्या बजाज ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर खेल जमीन को बेचने की अनुमति देने की मांग की।
मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद चंदेल के सिंगल बैंच में हुई। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। तब शासन की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया था। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जमीन बेचने ट्रस्ट को अनुमति दे दी थी।
हाई कोर्ट ने दी थी ये व्यवस्था
कालेज के प्रवेश के लिए 20 फिट का रास्ता छोड़ना होगा। पार्किंग के लिए भी 25 फीट जमीन छोड़नी होगी। 0 कलेक्टर कालेज के खेल मैदान के जमीन की कीमत का पहले मूल्याकंन कराएंगे।
ट्रस्ट की जमीन को बेचने से पहले पूरे देश में बिडिंग के लिए पेपर प्रकाशन कराना होगा। नीलामी में जो सबसे अधिक बोली लगाएगा उसे खेल मैदान की जमीन बिक्री की जाएगी।
ट्रस्टी को लेकर आपत्ति
इस मामले में ट्रस्टी परिवार के अन्य सदस्यों (जो वर्तमान में ट्रस्टी नही है) ने भी आपत्ति दर्ज करवाते हुए अदालत को बताया था कि ट्रस्ट के बायलॉज में नियम है कि पिता के रहते पुत्र को ट्रस्टी नही बनाया जा सकता। जबकि इस ट्रस्ट में कमल बजाज ट्रस्टी है और उनका पुत्र चिराग बजाज भी ट्रस्टी है।
चिराग बजाज के द्वारा ही ट्रस्ट की जमीन को बेचने के लिए रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट में लगाया था। हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में ट्रस्ट की जमीन की बिक्री के लिए अनुमति दी जा रही है। ट्रस्ट में ट्रस्टी कौन - कौन होगा इस मुद्दे पर यहां बहस नहीं हो रही है।