
Bilaspur News: बिलासपुर। मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर मस्तुरी जनपद पंचायत के एकमात्र नगर पंचायत मल्हार बस स्टैंड प्रवेश द्वारा पर देऊर महादेव का मंदिर है। सावन में यहां आसपास ग्रामीण अंचल से बड़ी संख्या में शिवभक्त जल चढ़ाने पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है।
मंदिर की विशेषता
इस मंदिर में एक एक पत्थर मे एक चित्र बना हुआ है जिसमे बच्चे दोनों पैरो के आपस मे जोडा है जिसे साटन देव कहते है मान्यता है की जब बच्चे जन्म लेते है तो कई बच्चे दोनों पैर को आपस मे जुड़ा रहता है उसे अलग करने के लिए अभिभावक बच्चों को यहां पर लाकर साटन देव का परिक्रमा करते है और सफेद धागा लपेटते है। मंदिर मे जलहरि बस है शिवलिंग बाहर है।
मंदिर का इतिहास
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मंडल द्वारा सन १९७९ से १९८१ तक खुदाई कार्य किया गया जिसके बाद यह मंदिर निकला विभाग में या मंदिर भीम कीचक मन्दिर के नाम से जाना जाता है मन्दिर ५ वी शताब्दी का है मन्दिर के मध्य तीन भागो का जलहरि बना हुआ है।
बातचीत
यह मंदिर नगर के प्रवेश द्वार पर बना हुआ है यहां पर प्रतिदिन सुबह से शाम तक भक्तगण दर्शन करने आते रहते है उसका कारण है की यह नगर के सिराने पर निर्मित है लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करने आते हैं। कई प्रकार के तंत्रमंत्र , साधना , जपतप , व्रत , पूजापाठ करते है यह स्थान पूर्वकाल से तपोस्थल रहा है तांत्रिक साधु संत,ऋषिमुनियो का यह पसंदीदा स्थान है महाशिवरात्रि सावन पर्व मे विशेष भीड़ रहती है
अधिवक्ता रवि पांडेय, भक्त
इस मंदिर के दीवार पर गरुडासीन विष्णु , गंगा , यमुना , भारवाहक पुरुष , स्कंदमाता ,रामायणकालीन रामबालि युद्ध, नरसिंहदेव , दुर्गामाता , दत्तात्रेय भगवान , राजपुरुष संग अन्य मूर्तिया है मंदिर के समीप सुंदर सरोवर है तथा सुंदर उद्यान बना हुआ है जिससे पर्यटक हमेशा यहां पर आते है यह मंदिर विशालकाय पत्थरो से निर्मित है केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर यहां पर निर्माण कार्य करता है।
पंडित संजीव पांडेय,पुजारी