बिलासपुर। शहर से लगे सेंदरी में पर्यावरण को लेकर गजब का काम हो रहा है। यहां एक समूह है, जो वर्ष 2018 से जहां खाली जगह मिलती है, वहां पौधे लगाने का कार्य कर रहा है। उनकी जवाबदारी केवल पौधे लगाने तक सीमित नहीं रहती।
बल्कि उसे पौधे की तब तक देखभाल करते हैं, जब तक वह पेड़ न बन जाए। नियमित पानी व खाद डालने के लिए बाइक को ठेला बनाया गया है। इससे वह पौधे भी ढोते हैं। इस कार्य से प्रेरित होकर लोग खुद से जुड़ रहे हैं। यही वजह है कि वर्तमान में 80 से 90 सदस्य से पर्यावरण के इस पुनित कार्य को पूरा करने में सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
यह पहल सबसे पहले सेंदरी गांव के ही दुजराज भेड़पाल ने की थी। पर्यावरण के प्रति उनका जुनून देखकर हर कोई हैरान रह जाता। धीरे- धीरे उनसे लोग जुड़ते चले गए। यही वजह है कि इस गांव के आसपास अब ऐसी कोई जगह नहीं बची, जहां हरियाली न नजर आती है। अभी भी अभियान जारी है। हालांकि शुरूआत में पौधे ढोने से लेकर सालभर पानी डालने के कार्य में संसाधन को लेकर दिक्कत आती थी।
इस कमी को दूर करने के लिए सबने एक नई व्यवस्था की। इसमें बाइक को ठेले का स्वरूप दिया गया। अब यह समस्या भी दूर हो गई है। जिन जगहों पर पौधे लगाने हैं, वहां बाइक वाले इसी ठेले से पौधे, पानी व खाद के अलावा फावड़ा, कुदारी व पौधे सुरक्षा के लिए तार आदि लेकर जाते हैं। समूह के सदस्यों का कहना है कि अभी हरियाली का यह अभियान इसी क्षेत्र में जारी है। इसके लिए कोई एक दिन विशेष नहीं है।
शाम हो या सुबह जब समय मिलता है, सभी सदस्य एक जगह जुटते हैं और उसके बाद पौधे लगाकर उसकी सुरक्षा का उपाय करते हैं। इन पौधों के सूखने का खतरा गर्मी में ज्यादा रहता है। उस समय ठेले में ड्रम में पानी भर कर उन पौधों को पानी दिया जाता है।
हर साल एक हजार पौधे लगाने का लक्ष्य
समूह हर साल एक हजार पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर चलता है। उनका मानना है कि अत्यधिक मात्रा में पौधे लगा दिए गए और उनकी देखभाल ठीक तरह नहीं हो सकी तो ऐसे पौधारोपण कार्यक्रम का कोई मतलब नहीं है। इसलिए सीमित पौधे लगाकर उन सभी को जीवित रखने का प्रयास किया जाता है।
तीन हजार पौधे अब बन रहे पेड़
यह समूह वर्ष 2018 से पर्यावरण को लेकर यह कार्य कर रहा है। अब तक पांच हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। तमाम जतन के बाद भी कुछ पौधे मर जाते हैं। इस लिहाज से तीन हजार पौधे जीवित है और वर्तमान में पौधे से पेड़ बनने लगे हैं।
ये हैं पर्यावरण के सिपाही
इस समूह में प्रमुख रूप से दुजराम भेड़पाल के अलावा राज उरैहा, दीप साहू, भारत भूषण बुंदेला, समीर शर्मा, डा. देशकर, डा. आरके सिंह, डा. शिरीष मिश्रा, ज्योतिष ध्रुव, मन्नू केवट, रोहित यादव, गणेश मानिकपुरी, भोलू साहू, अविश बरगाह आदि शामिल है।
दो गांव के ग्रामीण प्रेरित होकर बनाया समूह
सेंदरी में पर्यावरण को लेकर किए जा रहे इस कार्य से अब दूसरे गांव के ग्रामीण प्रेरित भी होने लगे हैं। जयरामनगर व वेदपरसदा के ग्रामीणों ने भी एक समूह बनाया है और सेंदरी की तर्ज पर पौधारोपण कार्य कर रहे हैं। इन गांवों के ग्रामीणों द्वारा सेंदरी के समूह से समय- समय पर सुझाव भी लेते हैं, ताकि उनकी पहल व्यर्थ न जाए।