
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। कोनी क्षेत्र के ग्राम लोफंदी में एक युवक ने तीन बच्चों के सामने अपनी आठ महीने की गर्भवती पत्नी की सब्बल से हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपित वहां से भाग निकला और पुणे जाने की फिराक में था। पुलिस ने गांव के बाहर घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस ने क्या कहा
कोनी टीआई भावेश शेंडे ने बताया कि तखतपुर क्षेत्र के ग्राम खपरी निवासी जितेंद्र केंवट (33) रोजी-मजदूरी करता है। उसकी शादी लोफंदी निवासी पुसउ केंवट की बेटी संतोषी (28) से 2016 में हुई थी। दोनों के तीन बच्चे हैं। अक्टूबर में जितेंद्र पुणे गया था, उस समय संतोषी गर्भवती थी। इसी कारण पुसउ उसे लोफंदी लेकर आ गया। संतोषी सब्जी के खेत में काम कर रही थी।
नवंबर में जितेंद्र गांव लौटा। कुछ दिन खपरी में रहने के बाद वह लोफंदी आ गया और हमाली का काम करने लगा। संतोषी की बहन कुंती के अनुसार जितेंद्र आए दिन चरित्र शंका को लेकर विवाद करता था। बुधवार रात वह शराब के नशे में घर आया और उसने कुंती से खाना मांगा। खाने के दौरान वह संतोषी से गाली-गलौज कर रहा था। कुंती के विरोध पर वह शांत हो गया।
कुछ देर बाद उसने पत्नी और बच्चों के साथ दूसरे कमरे में सोने की बात कही। संतोषी बच्चों को लेकर पुराने मकान के कमरे में सोने चली गई। कुंती और परिवार के सदस्य निर्माणाधीन मकान में सो गए।
बेटी ने बताया मां को मार दिया है
रात करीब 12 बजे संतोषी की आठ वर्षीय बेटी सृष्टि भागते हुए अपनी मौसी के पास पहुंची और बताया कि पिता ने मां को मार दिया। कुंती, ने अनुसुइया और मां उर्मिला पुराने घर पहुंचे, जहां खाट पर संतोषी की लाश खून से लथपथ पड़ी थी। उनके पहुंचते ही जितेंद्र भाग निकला। परिवारजनों और ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी गई। सूचना पर पुलिस टीम गांव पहुंची और शव को चीरघर भेजा।
पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपित जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि वह घटना के बाद पुणे जाने की कोशिश में था। आरोपित को न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
मां की मौत, पिता जेल गया; डेढ़ साल की मासूम को संभालती रही मौसी
संतोषी की तीन बेटियां इशिता (08),सृष्टि (05) और मिष्टी (डेढ़ वर्ष) हैं। तीनों मां के साथ नानी के घर आई थीं और मौसियों के साथ रह रही थीं। बुधवार रात मां की हत्या के बाद इशिता और सृष्टि सहमी रहीं। घर में भीड़ और पुलिस देखकर दोनों नानी से चिपकी हुई थीं। वहीं डेढ़ साल की मिष्टी सुबह से दूध के लिए रोती रही, जिसे कुंती और अनुसुइया संभालती रहीं।