पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में आरोपी को नहीं मिली राहत, हाई कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में छत्तीसगढ़ हाई ने आरोपी दिनेश चंद्राकर की जमानत याचिक खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने कहा मामले की प्रकृति, गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए यह जमानत देने योग्य नहीं है। साथ ही कोर्ट ने निचली अदालत को मामले में जल्द सुनवाई के आदेश दिए हैं।
Publish Date: Wed, 12 Nov 2025 09:14:14 AM (IST)
Updated Date: Wed, 12 Nov 2025 09:21:51 AM (IST)
मुकेश चंद्रकर हत्याकांड मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिजHighLights
- मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले आरोपी की जमानत याचिका खारिज
- हाई कोर्ट ने मामले की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए नहीं दी जमानत
- हाई कोर्ट ने निचली अदालत को सुनवाई जल्द पूरी करने के निर्देश दिए
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एनडीटीवी एमपी-सीजी के पत्रकार और ‘बस्तर जंक्शन’ यूट्यूब चैनल संचालक मुकेश चंद्राकर की हत्या से जुड़े मामले में गिरफ्तार आरोपी दिनेश चंद्राकर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने कहा कि मामले की प्रकृति, गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए यह जमानत देने योग्य नहीं है।
अदालत ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी की जाए। प्रकरण की सुनवाई के दौरान आवेदक पक्ष के वकील सुशील दुबे ने कहा कि दिनेश को झूठा फंसाया गया है और पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है। आरोपी चार जनवरी से जेल में है और ट्रायल में समय लगेगा, इसलिए उसे जमानत दी जाए। राज्य की ओर से सरकारी अधिवक्ता अजीत सिंह व पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रीतम सिंह राजपूत ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि साक्ष्य आरोपी के विरुद्ध है।
क्या है मामला
मामले के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी 2025 की रात से लापता थे। उनके भाई युकेश चंद्राकर ने दो जनवरी को बीजापुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर को मुकेश की खबरों से आपत्ति थी, और उन्हीं पर हत्या का शक जताया गया।
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जांच में सामने आया कि एक जनवरी की रात रितेश चंद्राकर ने पार्टी के बहाने मुकेश को चट्टानपारा स्थित गोदाम-बाड़ा में बुलाया, जहां महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को वहीं सेप्टिक टैंक में डालकर सीमेंट से पाट दिया गया। बताया गया कि घटना की जानकारी मिलने पर दिनेश चंद्राकर, जो उस समय परिवार के साथ चित्रकोट में पिकनिक पर था, मौके पर पहुंचा और शव छिपाने में सहयोग किया।