बेटी की उम्र की नक्सली से प्यार, एक सेल्फी ने उजागर कर दी थी जयराम की पहचान
कुख्यात नक्सली नेता रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलपति अपनी पत्नी अरुणा के प्यार में पड़ने के कारण पहचान उजागर हुई। 2016 में उनकी सेल्फी ने उसे सुरक्षा बलों का निशाना बना दिया। 19 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया। वह नक्सल संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहा था।
Publish Date: Wed, 22 Jan 2025 09:52:20 PM (IST)
Updated Date: Thu, 23 Jan 2025 12:34:24 AM (IST)
जयराम की वो सेल्फी, जिससे उसकी पहचान हुई। (फोटो- नईदुनिया प्रतिनिधि)HighLights
- अरुणा के प्यार में पड़कर पहचान उजागर कर ली।
- 2016 में दोनों की एक सेल्फी सुरक्षा बलों को मिली।
- 19 फरवरी को छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में मारा गया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर: आंध्रप्रदेश-ओडिशा में 30 वर्ष से हिंसा का पर्याय रहा कुख्यात नक्सली नेता रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलपति अपनी बेटी की उम्र की 37 वर्षीय छोटी नक्सली के प्यार में दिल हार बैठा। उसकी इसी गलती ने उसकी पहचान उजागर कर दी थी।
2014 में उसने छोटे कैडर की नक्सली अरुणा के प्यार में पड़ गया। शीर्ष कैडर के नक्सलियों ने अरुणा और चलपति के रिश्ते का विरोध भी किया था। उसने इसके बाद भी उससे शादी कर ली। इससे नाराज संगठन ने उसे डिमोट कर दिया, लेकिन चलपति के संगठन में योगदान को देखते हुए दोबारा 2019 में उसे केंद्रीय संगठन में जगह दे दी गई।
इस बीच मई 2016 में आंध्र प्रदेश में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद मिले एक स्मार्ट फोन में चलपती और उसकी पत्नी अरुणा की एक सेल्फी मिली थी। इससे सुरक्षा बलों के सामने उसका नया चेहरा सामने आया था।
पहचान उजागर होने के बाद से चलपति सुरक्षा बल के निशाने पर आ गया। इसके 3 माह बाद ओडिशा में एक मुठभेड़ में उसकी पत्नी अरुणा को मार गिराया गया था। चलपति को छत्तीसगढ़ के गरीयाबंद जिले के कुल्हारीघाट रिजर्व फारेस्ट में 19 फरवरी को हुए मुठभेड़ में ढेर कर दिया है।
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छत्तीसगढ़-झारखंड के मध्य समन्वयक था चलपति
- चार दशक से नक्सल संगठन में सक्रिय नक्सली लंबे समय तक आंध्रा-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था। जब, सुरक्षा बल ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज किया, तो छत्तीसगढ़-आंध्राप्रदेश और झारखंड-बिहार के बीच समन्वय स्थापित करने नक्सलियों ने ओडिशा स्टेट कमेटी बनाई।
- पहले इसकी जिम्मेदारी अक्कीराजू गोपाल उर्फ रामकृष्ण को दी गई। 2019 में बस्तर के जंगल में कोरोना से रामकृष्ण की मौत के बाद से चलपति को सेंट्रल कमेटी में शामिल कर ओडिशा स्टेट कमेटी का प्रभारी बना दिया।
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दूसरा शीर्ष नक्सली जो मुठभेड़ में मारा गया
- नक्सल संगठन में चलपति दूसरा शीर्ष नक्सली है, जो मुठभेड़ में मारा गया है। इससे पहले वर्ष 2021 में महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले के ग्यारपत्ती-कोड़गुल जंगल में हुए मुठभेड़ में केंद्रीय समिति सदस्य नक्सली मिलिंद तेलतुमड़े उर्फ आनंद सहित 26 नक्सलियों को ढेर कर दिया था।
- दरअसल, शीर्ष नक्सल संगठन तक पहुंच पाना आसान नहीं होता। चार लेयर सुरक्षा के साथ ही केंद्रीय समिति सदस्य नक्सली के 8 से 10 निजी अंगरक्षक नक्सली होते हैं, जो कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। दोनों ही मुठभेड़ में सुरक्षा बल ने बड़ी संख्या में नक्सलियों को ढेर कर शीर्ष नक्सली नेताओं को ढेर किया है।