
नईदुनिया प्रतिनिधि, कांकेर: जिले के अंतागढ़ विकासखंड क्षेत्र के ताड़ोकी थाना से दक्षिण–पश्चिम 08 किलोमीटर ग्राम बर्रेबेड़ा में रविवार को “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के तहत सुरक्षाबल के जवानों को एक और सफलता मिली है। यहां 21 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिला माओवादी और 08 पुरुष माओवादी शामिल हैं, जिन्होंने सशस्त्र और हिंसक विचारधारा से खुद को अलग कर शांति का रास्ता चुना है। राज्य के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। अभी हाल ही में 210 माओवादियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया था।

अंतागढ़ में जिन 21 माओवादियों ने समर्पण किया है, उनके पास 18 हथियार थे। इनमें 3 एके-47, इंसास 2, एसएलआर-4, थ्री नाट थ्री 6 नग, सिंगल शाट- 2 और बीजीएल लांचर शामिल हैं। ये सभी माओवादी केशकल डिवीजन (नार्थ सब जोनल ब्यूरो) के कुएमारी/ किसकोडो एरिया कमेटी से संबंधित हैं, जिनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल है।

इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश सहित 4 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 9 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 8 पार्टी सदस्य शामिल हैं। जिन्होंने हिंसा और जनविरोधी विचारधारा का रास्ता छोड़कर शांति और प्रगति का मार्ग अपनाया है।इन माओवादियों ने जो हथियार जमा किए हैं।
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उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इन 21 कैडरों में 04 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 09 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 08 पार्टी सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है। विजय शर्मा ने कहा कि मैं इनके इस निर्णय का हृदय से स्वागत करता हूं, इन्होंने सैकड़ों जानों को जाने से बचाया है और बस्तर की जनता के मनोबल को उठाया है।