
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा। अंधविश्वास के चक्कर में जिस ढंग से तीन लोगों की जान गई, उससे हर कोई स्तब्ध है। बैगा ने दावा किया था कि गले में रस्सी जितनी कसती जाएगी, उतनी ही धन की वर्षा होगी। धन की वर्षा तो नहीं हुई, पर तीन परिवारों की खुशियां बिखर गईं। एक साथ हुई तीन मौतों ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। घटना के बाद बिलासपुर रेंज के आइजी संजीव शुक्ला मौके पर पहुंचे। कई सवाल अब भी खड़े हैं, जिनके जवाब का इंतजार है।
बुधवार रात करीब 12 बजे उस समय हड़कंप मच गया, जब शहर के बड़े स्क्रैप व्यापारी अशरफ मेमन समेत तीन लोगों के शव कोसाबाड़ी के एनकेएच अस्पताल पहुंचे। दोपहर में अशरफ अपने दो पुत्रों और नागपुर से आए बहन के बेटे के साथ निकला था। उस समय घर वालों को यह जानकारी नहीं थी कि तंत्र-मंत्र की तैयारी चल रही है।
उरगा के कुदरीपारा स्थित अशरफ के स्क्रैप यार्ड में तंत्र-मंत्र की सामग्री का इंतजाम किया गया। दूध व्यवसायी सुरेश साहू को बैगा ने अपने झांसे में लिया। उसने अपनी कमाई के पांच लाख रुपये निकालकर यार्ड में पहुंचाया। साथी भागवत महंत को रुपये कार में रखने के लिए दिए, जिसे उसने कार की डिक्की में रख दिया। कार यार्ड के बाहर खड़ी थी।
तंत्र-मंत्र के दौरान अशरफ, सुरेश और बैगा के साथ आए बलौद निवासी नितीश कुमार की मौत हो गई। सवाल उठता है कि यदि रुपये को 50 गुना करने के लिए साधना की जा रही थी, तो पांच लाख रुपये स्थान पर क्यों नहीं मंगाए गए। पुलिस जहरखुरानी से मौत बताने की बात कह रही है, जबकि मृतकों के गले और हाथ में मिले निशान कई सवाल खड़े कर रहे हैं। स्वजन का आरोप है कि तंत्र-मंत्र के नाम पर हत्या की साजिश रची गई।
पुलिस ने बैगा और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। अन्य बिंदुओं पर जांच जारी है। पुलिस ने संकेत दिया है कि आरोपितों की संख्या बढ़ सकती है। अशरफ के भाई इमरान ने साजिशकर्ताओं पर आरोप लगाया है। इसके बाद दो कपड़ा व्यवसायियों के पुत्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पुत्र की मौत को मानता था जादू-टोना का मामला, हंडे की थी तलाश
मृतक सुरेश की पत्नी गुड़िया, 15 वर्ष की पुत्री और 11 वर्ष के पुत्र हैं। आठ माह पहले 18 वर्षीय पुत्र की बाइक दुर्घटना में उरगा क्षेत्र में पेड़ से टकराकर मौत हुई थी। सुरेश इस घटना के पीछे भी जादू-टोने का हाथ मानता था। इसी कारण उसने भिलाईखुर्द का मकान छोड़कर कोरबा के राताखार में रहना शुरू किया। अंधविश्वास में फंसा वह हंडा खोजने में लगा रहता था ताकि खजाना मिल सके।
अशरफ था दुस्साहसी, उसे फंसाना मुश्किल
कबाड़ का कारोबार अशरफ के पिता इस्माइल ने शुरू किया था। बाद में अशरफ और उसका भाई इमरान शामिल हुए। दो साल से पुलिस की सख्ती के कारण कारोबार प्रभावित था। अशरफ ने राखड़ परिवहन शुरू किया था। उस पर कारोबारी विवाद में कई मामले दर्ज थे। उसके दुस्साहस को देखते हुए लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि कोई उसे पैसों की बारिश के झांसे में फंसा ले।
10 लाख का झांसा देकर नितीश को लाया था
मूल रूप से बलौद निवासी नितीश बिलासपुर में किराए पर रहता था। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह मजदूरी कर जीविका चला रहा था। बैगा राजेंद्र ने उसे नोटों की वर्षा होने पर 10 लाख रुपये देने का झांसा देकर बुलाया। बैगा ने व्यापारियों का विश्वास जीतने के लिए नितीश को कमरे में बुलाया और बेहोश कर दिया।
आइजी शुक्ला ने सभी बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए
आइजी संजीव शुक्ला कुदरीपारा घटनास्थल पहुंचे। फोरेंसिक टीम से चर्चा की, डॉग स्क्वाड और साइबर सेल से जानकारी ली। उन्होंने सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी भी उपस्थित थे। मृतकों की शार्ट पीएम रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
गले में फंदे के पहले रखा नारियल, सिंदूर से जहर फैलने की आशंका
बैगा के सहयोगियों ने बताया कि गले में रस्सी का फंदा डालने से पहले नारियल रखा गया और फिर फंदा कसा गया। इस आधार पर अशरफ के स्वजन ने गला घोंटकर हत्या का आरोप लगाया। यह भी माना जा रहा है कि सिंदूर लगे नींबू को मुंह में डालने से शरीर में जहर फैल गया।