
नईदुनिया न्यूज, बीजापुर। नक्सलवाद से लंबे समय तक प्रभावित रहे छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राज्य सरकार ने जिले के सबसे दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्र पामेड़ सहित सात पंचायतों को जोड़ने के लिए गणतंत्र दिवस पर बस सेवा शुरू की है।
तेलंगाना सीमा पर स्थित पामेड़ गांव के लिए पिछले 30 वर्षों से कनेक्टिविटी का अभाव था। बस सेवा से 15 गांव के सैकड़ों ग्रामीणों को सुविधा मिल रही है। पामेड़, जो जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ा नहीं था, अब पहली बार सड़क मार्ग से पहुंच योग्य हो गया है।
पहले इस गांव तक पहुंचने के लिए तेलंगाना के रास्ते लगभग 200 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता था। अब दूरी घटकर 100 किमी रह गई है। पिछले 50 सालों में यह पहली बार है, जब इस क्षेत्र में यात्री बस सेवा शुरू हुई है।
अधिकारियों के अनुसार पिछले चार महीनों में सड़क निर्माण, सुरक्षा शिविरों की स्थापना और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार में तेजी आई है। कलेक्टर संबित मिश्रा ने कहा कि सरकार की नियाद नेल्लानार योजना के तहत पामेड़ जैसे गांव मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
वहीं, पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि सुरक्षा बल के शिविरों ने नक्सलियों की पकड़ को कमजोर किया है, जिससे कनेक्टिविटी बहाल हुई। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय बाजारों को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को पानी, बिजली जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
बस चालक मयंद्र चापड़ी और यात्री लोकेश यादव ने इस सेवा की सराहना की। लोकेश ने कहा कि यह सुविधा ग्रामीणों के लिए उत्साह का कारण बनी है। अब आवागमन आसान होगा। सुरक्षा बलों की मदद से संचालित यह बस सेवा प्रतिदिन 70-80 लोगों को लाभ पहुंचा रही है।
राज्य में नक्सलवाद के खात्मे के लिए राज्य सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। अप्रैल से नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज होने के संकेत हैं। इसके बाद बारिश का मौसम आ जाएगा। ऐसे में मार्च 2026 तक सरकार के नक्सलवाद उन्मूलन के लक्ष्य को पाने के लिए जवानों को मशक्कत करनी होगी।
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सूत्रों के अनुसार, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से बड़ा सहयोग मिल रहा है। राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 53 बटालियन तैनात की गई हैं। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेलिकॉप्टर तथा अत्याधुनिक सर्विलांस उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
नक्सलियों के सहयोगियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई कर है, उनके ईकोसिस्टम को ध्वस्त किया जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रोडमैप के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा मिशन में जुटे हुए हैं।
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बस्तर रेंज में बीते 60 दिनों के भीतर 67 हार्डकोर नक्सली मारे गए हैं। विगत 13 माह में छत्तीसगढ़ में सख्त कार्रवाई के तहत 300 से अधिक नक्सली मारे गए, 985 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 1177 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं।