नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राजधानी में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कथित तौर पर कार्यालय में बैठकर ही लोगों के बिजली बिल में मनमानी बढ़ोतरी कर रहे हैं। हालात यह हैं कि जिन उपभोक्ताओं का मासिक बिजली बिल पहले औसतन 250 से 400 रुपये के बीच आता था, उन्हें अब 1500 से 1700 रुपये तक के बिल भेजे जा रहे हैं।
जब उपभोक्ता इसकी शिकायत करते हैं, तो अधिकारी और कर्मचारी गर्मी में अधिक खपत का हवाला देकर उन्हें वापस भेज देते हैं। यह स्थिति विशेष रूप से सेजबहार क्षेत्र में गंभीर है, जहां आए दिन बिजली कटौती होती है और अब उपभोक्ताओं को मनमाने तरीके से बढ़े हुए बिल थमाए जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि उपभोक्ताओं को नियमित समयावधि में बिल भी नहीं मिल रहे हैं और शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
शहर में लगाए जा रहे नए स्मार्ट मीटर भी उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। संतोषी नगर के निवासी अनुराग ठाकुर ने बताया कि उनके घर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिजली का बिल काफी बढ़ गया है। पहले उनका सामान्य बिल 450 से 550 रुपये के बीच आता था, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद से 1200 से 1600 रुपये तक बिल आने लगा है। उन्होंने भी शिकायत की, लेकिन उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
यह भी पढ़ें: Amit Shah Chhattisgarh Visit: गृहमंत्री अमित शाह आज से छत्तीसगढ़ के 2 दिवसीय दौरे पर, नारायणपुर भी जाएंगे
सेजबहार हाउसिंग बोर्ड कालोनी के निवासी राजेश ने बताया कि उनका बिजली बिल अमूमन 300 रुपये के आसपास आता था, लेकिन इस बार मई महीने में उन्हें 1570 रुपये का बिल भेजा गया है। उन्होंने पिछले एक साल की रीडिंग निकालकर दिखाई, जिसमें स्पष्ट था कि किसी भी महीने उनकी खपत 200 यूनिट तक नहीं पहुंची थी। इसके बावजूद उन्हें इस बार 461 यूनिट का बिल भेजा गया है।
यह भी पढ़ें: बौखलाए माओवादियों ने बीजापुर में फिर 2 ग्रामीणों की हत्या की, इनमें से 1 आत्मसपर्पित माओवादी, 7 दिनों में 5 को मारा
उन्होंने बताया कि उन्हें हर महीने चार या पांच तारीख के आसपास बिल मिल जाता था, लेकिन इस बार जब उन्हें बिल नहीं मिला तो उन्होंने लगातार शिकायत की। इसके बाद बिना मीटर रीडिंग लिए ही उन्हें इतनी बड़ी राशि का बिल भेज दिया गया।
भनपुरी के रहने वाले प्रवीण भी असामान्य रूप से आ रहे बिजली बिल से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर में कोई नहीं रहता, फिर भी बिजली का बिल लगातार 500 रुपये से अधिक आ रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी के कर्मचारी शिकायत के बाद भी बिल्कुल ध्यान नहीं देते। हेल्पलाइन नंबर 1912 पर की जाने वाली शिकायत का भी कोई असर नहीं होता है। ऐसी स्थिति में मनमाने ढंग से भेजे गए बिल का भुगतान करना उनकी मजबूरी बन गई है, क्योंकि भुगतान न करने पर बिजली कनेक्शन काटने की धमकी दी जाती है।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर सेजबहार क्षेत्र के जेई इंचार्ज शैलेंद्र कुसुम का कहना है कि कर्मचारी छुट्टी में थे इसलिए आपका बिल जनरेट नहीं हो पाया होगा। वहीं कहा कि अधिक बिल के बारे में सिस्टम में देखे बिना मैं कुछ भी नहीं बोल सकता हूं। गर्मी की वजह से लोगों का बिल अधिक आया होगा।