
नईदुनिया प्रतिनि, रायपुर। जिले में बीते दिनों हुए चुनाव के कारण मनरेगा के तहत होने वाले काम अटक गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत तालाबों के लिए गहरीकरण के कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन चुनाव के कारण ज्यादातर मजदूर मनरेगा का कार्य छोड़कर चुनाव प्रचार लग गए थे।
चुनाव प्रचार में मजदूरों को मजदूरी से ज्यादा पैसे मिलते थे, जिसके कारण मनरेगा में मजदूर चुनावी रैली में दिखाई दे रहे थे। मजदूरों के नहीं पहुंचने के कारण तालाबों के गहरीकरण के कार्य रूक गया था, लेकिन अब चुनाव खत्म हो गया है और मजदूर फिर से मनरेगा के काम पर लौटने लगे हैं।

गर्मी के महीनों में मनरेगा के तहत काम करने के लिए एक लाख से अधिक मजदूरों की उपस्थिति होती है। अब जबकि धान की कटाई, तौलाई और खरीदी का काम समाप्त हो चुका है और चुनाव भी खत्म हो गए हैं, मजदूरों के पास अब काम की पर्याप्त उपलब्धता है।
इसके बाद मजदूरों की संख्या में इजाफा हुआ है और विभागीय सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल 50 हजार से अधिक मजदूर काम पर लौट आए हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है, जिससे तालाबों के गहरीकरण कार्य में और तेजी आएगी।

मजदूरों के वापस लौटने से तालाबों के गहरीकरण कार्य में तेजी आई है। अब यह कार्य गर्मी के महीनों में और जोर पकड़ने की उम्मीद है।
मजदूरों की वापसी के साथ काम में तेजी आई है। शेष बचे तालाबों के गहरीकरण का कार्य अब तेज गति से जारी है। हम आशा करते हैं कि गर्मी में हम यह कार्य समय से पूरा कर लेंगे। - रोशनी तिवारी, जिला सहायक परियोजना अधिकारी, मनरेगा विभाग