नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों तक बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर संभागों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसके साथ ही राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में जलभराव की स्थिति बनने लगी है। राज्य के कई क्षेत्रों में बीते 24 घंटे में अच्छी बारिश दर्ज की गई।
छुरिया व राजिम में सर्वाधिक 110 मिमी बारिश हुई, जबकि मालखरौदा में 100 मिमी और औंधी, मोहला व अंबागढ़ चौकी में 9 सेमी बारिश दर्ज की गई। रायपुर, दुर्ग, मंदिरहसौद, डौंडी व अहिवारा समेत करीब दो दर्जन स्थानों पर 80 मिमी बारिश हुई।
बिलासपुर, कटघोरा, भानुप्रतापपुर, पेंड्रा व कुरूद में 60 मिमी और अन्य अनेक स्थानों पर 50 मिमी या उससे कम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभागों के कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है।
राजधानी में दिनभर आसमान बादलों से घिरा रहा। अधिकतम तापमान जहां 25 डिग्री तक सिमट गया, वहीं न्यूनतम तापमान 22 डिग्री के आसपास बना रहा। 9 जुलाई को भी हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ छींटों की संभावना जताई है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार गंगीय पश्चिम बंगाल में बना निम्न दबाव का क्षेत्र 7.6 किमी ऊंचाई तक चक्रीय परिसंचरण के रूप में फैला है, जो धीरे-धीरे झारखंड होते हुए उत्तरी छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ ही मानसून की द्रोणिका भटिंडा, मेरठ, वाराणसी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। वहीं, अरब सागर से लेकर विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक भी एक ऊपरी हवा की द्रोणिका सक्रिय है।
उत्तरी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में 449.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 115 प्रतिशत अधिक है। जांजगीर, मोहला-मानपुर-चौकी, रायगढ़ जैसे जिलों में भी बारिश सामान्य से 70 प्रतिशत से अधिक रही, जिससे वहां 'लार्ज एक्सेस' की स्थिति बन गई।
यह भी पढ़ें: Aaj Ka Rashifal 9 July 2025: इन राशियों के करियर को होगा फायदा, धन की होगी वर्षा; पढ़ें राशिफल
वहीं धमतरी, गौरेला-पेन्ड्रा, कांकेर, महासमुंद, नारायणपुर, रायपुर जैसे जिलों में बारिश लगभग सामान्य रही।
निम्न बारिश से प्रभावित जिले
जहां प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश की स्थिति बनी हुई है, वहीं कई इलाके ऐसे भी हैं जहां बारिश काफी कम हुआ है। प्रदेश के बेमेतरा, दुर्ग, राजनांदगांव और सुकमा जिलों में बारिश औसत से 22 से 46 प्रतिशत तक कम रही। कृषि पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है।