दीपक शुक्ला, रायपुर। आईपीएल मैच 22 मार्च से शुरू हो रहा हैै। करोड़ों का सट्टा खिलाने वाले शहर के बड़े बुकियों के एजेंट्स ने राजधानी के आउटर इलाके में अपना ठीहा जमा लिया है। दरअसल, पुलिस की नजर से बचने के लिए बुकी हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, गोवा, कोलकाता में अड्डा जमाकर बैठे हुए हैं।
बड़े बुकी शहर से बाहर रहते हुए अपने एजेंट्स (पंटर) के जरिए सैकड़ों को लाइन देकर लाखों का सट्टा खिला रहे हैं। ये एजेंट रायपुर शहर को छोड़कर आस-पास के आउटर इलाके में सट्टे चला रहे हैं। विधानसभा, तिल्दा, नवा रायपुर, खरोरा, अभनपुर समेत आस-पास के फार्म हाउस, कॉलोनियों में आईपीएल में बेटिंग की सटोरियों ने तैयारी कर ली है।
सटोरियों ने हाईटेक जमाने में खुद को भी हाईटेक कर लिया है। अब फोन पर कॉल या मैसेज के बजाय ज्यादातर बुकिंग वाट्सएप या अन्य इंटरनेट मीडिया साइट्स से ले रहे हैं। सट्टा खिलाने के लिए हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे सीधे-सीधे बुकिंग हो जाती है। दांव जीतने पर पेमेंट की जानकारी भी इसी तरह से दी जा रही है। ऑनलाइन पेमेंट भी आसानी से कर सकते हैं।
शहर में रहने वाले सटोरिए सट्टा लगाने वाले की जानकारी मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े-बड़े शहरों में बैठे अपने सरगना को दे रहे हैं। इनकी इच्छा के अनुसार, मैच की हर बाल, ओवर और रन का रेट निर्धारित कर कारोबार किया रहा है।
एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट ने सटोरियों की कुंडली तैयार कर ली है। पिछले साल पकड़े गए खाईवालों की पड़ताल शुरू कर दी गई है। वहीं, देखा जा रहा है कि वे अभी हैं कहां। उनके बारे में तलाश की जा रही। लगभग एक हजार खाईवालों की कुंडली तैयार की गई है।
सटोरियों को पकड़े के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पुराने सटोरियों की पतासाजी की जा रही है। सूचना मिलने पर गिरफ्तार किया जाएगा। -संदीप मित्तल, एडिशनल एसपी, क्राइम, रायपुर
शहर में हर साल आईपीएल शुरू होते ही सट्टा बाजार गर्म हो जाता है। मगर, पुलिस भी इस खेल पर शिकंजा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। पूर्व में रायपुर पुलिस सट्टेबाजी के इस खेल के कई मामलों का भंडाफोड़ करते हुए कईयों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज चुकी है। इस बार भी पुलिस सट्टेबाजी का खेल रोकने को लेकर सतर्क है।
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बड़े-बड़े शहरों में बैठे कई बुकी छोटे-छोटे कस्बों में अपनी लाइनें देते हैं और ये लाइनें अपनी विशेष आईडी पासवर्ड से खुलती हैं। इसी के साथ-साथ नए तरीकों में ये बुकी एप और विशेष वेबसाइटों द्वारा भी इस कारोबार को संचालित करते है। बड़े शहरों से ये क्रम छोटे शहरों और कस्बों में और छोटे कस्बों से आम सट्टेबाजों तक लाइन बाई लाइन ये धंधा संचालित होता है।
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पिछले एक-दो सीजन से सटोरियों ने नया तरीका अपनाया है। अब वे एक जगह बैठकर सट्टा नहीं खिलाते हैं। इसके लिए वे कार में घूम-घूक कर या फिर शहर के बाहर के क्षेत्र के बाहरी क्षेत्र में रहते हैं। होटल और फार्म हाउस में भी बैठकर यह खेल चलता है। इसके लिए पहले से बुकिंग की जाती है।