नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) के नियम स्पष्ट हैं कि यदि किसी कंपनी की पांच बैच दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल हो जाती हैं, तो उस कंपनी को तीन वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए। लेकिन महासमुंद की दवा कंपनी 9 एम इंडिया लिमिटेड के मामले में यह नियम लगातार नजरअंदाज कर दो दर्जन से ज्यादा प्रकार की दवाओं की खरीदी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, कंपनी की 81 बैच दवाएं विभागीय जांच में फेल पाई गई हैं। इनमें बुखार की दवाएं पैरासिटामोल 500 एमजी, पैरासिटामोल 650 एमजी, बच्चों के लिए पैरासिटामोल सिरप और आई ड्रॉप सिप्रोफ्लोक्सिन शामिल हैं। इसके अलावा अन्य 10 बैच दवाओं की गुणवत्ता भी असफल रही।
बता दें कि कुछ सप्ताह पहले औषधि विभाग ने महासमुंद स्थिति फैक्ट्री की जांच की थी। जिसमें दवा के रॉ- मटेरियल की जांच की गई। जिसमें खरीदी संबंधी गड़बड़ियां सामने आई है। हलांकि विभाग ने अभी तक पूरी जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उसी कंपनी से नई दवाओं की आपूर्ति जारी रखे हुए हैं। 10 जनवरी 2025 को सीजीएमएससी की पूर्व महाप्रबंधक ने 9 एम इंडिया को आदेश दिया कि फेल बैच का उठवा कर नए बैच की आपूर्ति की जाए। आदेश के अनुसार पैरासिटामोल 500 एमजी के 53 बैच, 650 एमजी के 17 बैच और आई ड्राप का 9 बैच फेल पाए जाने के बावजूद नई आपूर्ति जारी है।
विशेष रूप से, डाइसाइक्लोमाइन 500 एमजी और 600 एमजी टैबलेट में काले धब्बे पाए गए। बच्चों को दिए जाने वाले पैरासिटामोल सिरप के बैच भी खराब मिले हैं। इसके बावजूद कंपनी को ब्लैकलिस्ट किए बिना फेल बैच का उठाव कर नया बैच भेजने का आदेश जारी किया गया।
9 एम इंडिया लिमिटेड आरओसी छत्तीसगढ़ में 28 जुलाई 2020 को पंजीकृत हुई थी। कंपनी के चार निदेशक हैं जिनमें मनीष अग्रवाल, अजय कुमार अग्रवाल, आशीष अग्रवाल और राहुल अग्रवाल, जिसमें राहुल होल टाइम डायरेक्टर के रूप में कंपनी की जिम्मेदारी संभालते हैं।
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टेंडर की शर्तों के अनुसार यदि किसी कंपनी की दवाओं के पांच बैच की गुणवत्ता खराब पाई जाती है, तो उसे सीजीएमएससी में तीन वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाना चाहिए। लेकिन अफसरों ने नियम को ताक पर रखकर खराब बैच का उठाव कर नए बैच की आपूर्ति जारी रखी।
जिन कंपनियों की गुणवत्ता खराब मिली है सब पर कार्रवाई की जा रही है। नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। प्रक्रिया के मुताबिक ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की जाएगी।
-श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री, स्वास्थ्य विभाग