नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। रायपुर नगर निगम क्षेत्र में 59 राशन की दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। नई दुकानों के आवंटन में बड़ी गड़बड़ी की जा रही है। विभाग ने वार्डवार दुकानों की सूंची जारी की है।
मगर, आवेदन करने वाली संस्थाओं का कार्यक्षेत्र अलग-अलग वार्डों का है। उन्हें दुकानें देने की पूरी तैयारी कर ली गई है। जिस वार्ड क्षेत्र का समूह व समिति है, उसी वार्ड में राशन दुकान आवंटन का नियम है, ताकि वार्ड की महिलाओं को रोजगार मिल सके।
अब जिला प्रशासन सभी नियम को दरकिनार करके राशन दुकानों का आवंटन कर रहा है। यदि सही तरीके से समितियों का चयन किया जाए, तो 535 आवेदनों में से पांच सौ से ज्यादा आवेदन निरस्त हो जाएंगे।
रायपुर नगर निगम क्षेत्र में नई राशन दुकानों के आवंटन की पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। चुनिंदा राशन दलालों को दुकान आवंटन देने का खेल चल रहा है।
यही नहीं, दो लाख रुपये में राशन दुकान दिलाने का दावा फूड आफिस के बाहर बैठकर दलाल कर रहे हैं। बिना विज्ञापन के गुपचुप तरीके से राशन दुकान देने का खेल हो रहा है। जल्द ही मामला विधानसभा में भी उठने वाला है।
आवंटन में पहले महिला स्व सहायता समूह को प्राथमिकता दिया जाना है। इसके बाद अन्य सहकारी समिति को प्राथमिकता है। नगर निगम क्षेत्र में फर्जी उपभोक्ता समिति का गठन कर राशन दलाल ऐसे संस्थाओं को राशन दुकान देने के लिए दो दो लाख रुपए मांगे जा रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश में राशन दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया निर्धारित है। शहर के चार प्रमुख समाचार पत्रों में राशन दुकानों के विज्ञापन प्रकाशित किया जाने का नियम है। ऐसा नहीं किया गया? तीन बार आवेदन की तारीख बढ़ाई गई। एक बार भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया।
नियम यह है कि नगर निगम को विज्ञापन जारी करने के पहले कमिश्नर को पत्र लिखकर सूचित किया जाता है। 59 नई दुकानों को खोलने के लिए पत्र पहले नगर निगम को भेजकर पूछा जाना था कि क्या नगर निगम राशन दुकानों को खुद चलाने के लिए तैयार है।
जब नगर निगम असहमति देता, तब सार्वजनिक विज्ञापन जारी करने का नियम है। आवश्यक वस्तु अधिनियम में शहरी क्षेत्र में राशन दुकान आवंटन की प्राथमिकता तय की गई है। इस आधार पर नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिख कर आवंटन के लिए सहमति लेने का नियम है। ऐसा नहीं किया गया है।