नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और पूर्व प्रधानमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने आज एक और बड़ी कार्रवाई की है। ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत दायर आय से अधिक संपत्ति के मामले में लगभग 8,000 पृष्ठों का अभियोग पत्र (चार्जशीट) मंगलवार को माननीय विशेष न्यायालय रायपुर में प्रस्तुत किया है।
EOW की जांच के अनुसार, सौम्या चौरसिया ने अपने परिवारजनों और परिचितों के नाम पर करीब 45 अचल संपत्तियों में बेनामी निवेश किया है। ब्यूरो की रिपोर्ट में यह पाया गया है कि उन्होंने पद पर रहते हुए करीब 49 करोड़ 69 लाख 48 हजार 298 रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी वैध आय से 1872.86 प्रतिशत अधिक है।
यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़, 81 बैच फेल होने के बावजूद 9 M India से दवाएं खरीद रही सरकार
जांच में यह भी सामने आया है कि सौम्या चौरसिया ने वर्ष 2019 से 2022 के बीच सर्वाधिक अवैध निवेश किया। इस दौरान उन्होंने कोयला, डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) और अन्य मामलों में कथित रूप से भ्रष्ट माध्यमों से अर्जित धन को विभिन्न संपत्तियों में निवेश किया।
गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया वर्ष 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। उनकी प्रथम नियुक्ति डिप्टी कलेक्टर, बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय में हुई थी। इससे पहले वर्ष 2005 में उन्होंने लेखाधिकारी के रूप में सेवाएं दी थीं। वर्ष 2019 में वे मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के पद पर पदस्थ हुई थीं।
यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्कूलों में पढ़ाया जाएगा साइबर सुरक्षा का पाठ, हर 20 मिनट में आ रही ठगी की शिकायत
जांच के अनुसार, उनके 17 वर्ष के सेवाकाल में सौम्या चौरसिया और उनके परिवार की कुल वैध आय लगभग 2.51 करोड़ रुपये रही, जबकि उन्होंने लगभग 50 करोड़ रुपये की अवैध कमाई संपत्तियों में निवेश की।
ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि ब्यूरो के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा ‘आय से अधिक संपत्ति’ का मामला है। जांच में प्राप्त सभी दस्तावेज, लेन-देन और संपत्ति संबंधी अभिलेखों को संकलित कर विस्तृत चार्जशीट न्यायालय में पेश की गई है।