नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के मौके पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। शहर के घर-घर से कचरा उठाव का काम करने वाली निजी कंपनी रामकी के सैकड़ों कर्मचारियों ने अपनी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। इस अचानक हुए प्रदर्शन के कारण शहर के तमाम मोहल्लों में कचरे का ढेर लगना शुरू हो गया है, जिससे त्योहार के माहौल में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारी दलदल सिवनी स्थित कचरा डंपिंग यार्ड के बाहर एकजुट हुए और धरने पर बैठ गए हैं। ये सभी कर्मचारी पिछले कई सालों से वेतन में कोई बढ़ोतरी न होने से आक्रोशित हैं। कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन उनका वेतन जस का तस है। त्योहारों के समय भी उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, इसलिए अब वे आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने डंपिंग यार्ड के मुख्य द्वार को पूरी तरह जाम कर दिया है और रामकी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी वेतन वृद्धि की मांग को लिखित में स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
इस हड़ताल के चलते रायपुर शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। रामकी कंपनी के तहत लगभग 850 कर्मचारी शहर भर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का काम करते हैं। इन सभी के काम बंद करने से शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लग रहा है।
रायपुर नगर निगम प्रशासन और रामकी कंपनी के अधिकारियों के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। निगम अधिकारियों ने इसे कंपनी का आंतरिक मामला बताया है, पर साथ ही यह भी कहा है कि जल्द से जल्द व्यवस्था बहाल की जाए ताकि आम जनता को राहत मिल सके।