
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। मुंबई और रायपुर की एटीएस ने तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इराक भागने के प्रयास में गिरफ्तार किया है। घुसपैठियों में शामिल शेख इस्माइल, शेख अकबर और शेख साजन को जेल भेज दिया गया है।
आरोपितों ने वीजा प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। इन तीनों के गिरफ्तार होने के बाद अब पुलिस और एटीएस की टीम इनकी मदद करने वालों की तलाश में जुटी हुई है। एटीएस के अधिकारियों फर्जी दस्तावेज के संबंध में तहसील, नगर निगम और जिला निर्वाचन कार्यालय को पत्र लिखकर बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए वोटर आईडी बनाने में मदद करने वाले लोगों की जानकारी मांगी है।
हालांकि, पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव की वजह से अब तक उन्हें जरूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। इससे संवेदनशील मामले में अन्य आरोपितों की तलाश नहीं हो पा रही है। मामले का मास्टरमाइंड शेख अली अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। उसकी तलाश में कई जगहों पर दबिश दी जा रही है।
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शेख अली की गिरफ्तारी के लिए छापामारी इन घुसपैठियों का मुख्य सरगना फरार चल रहा शेख अली है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया है और एटीएस की टीम पिछले कई दिनों से नागपुर और कोलकाता में छापेमारी कर रही है। हालांकि, वह अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।
एटीएस को जानकारी मिली है कि इन घुसपैठियों ने नगर-निगम में शपथ पत्र देकर अपना जन्म प्रमाण पत्र बनाने की कोशिश की थी। मगर, दस्तावेज अधूरे होने के कारण उनका जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया। इसके बाद उन्होंने भारतीय नागरिकता पाने के लिए दूसरे रास्ते तलाशे।
इसके बाद उन्होंने साल 2017-18 में किसी तरह से अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाया और इसके साथ ही राशन कार्ड भी बनवाया। इनका वोटर आईडी 21 अक्टूबर 2018 को रायपुर के लक्ष्मीनगर स्थित मकान नंबर 193 के पते से बना था।
इससे पहले मुंबई एटीएस ने रायपुर के टिकरापारा और संजय नगर में छापेमारी की थी। जब उन्हें पुख्ता सूचना मिली थी कि बांग्लादेशी घुसपैठिए यहां रह रहे हैं, एटीएस ने एक बांग्लादेशी युवक से पूछताछ भी की थी, जिसने जानकारी दी थी कि वह रायपुर के रास्ते हज यात्रा के बहाने सीरिया गया था और अब तक वापस नहीं लौटा है।