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नईदुनिया प्रतिनिधि, राजनांदगांव। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। यहां 82 लाख के ईनामी 11 माओवादी बुधवार को डीजीपी रश्मि शुक्ला के समक्ष सरेंडर हुए। आत्मसमर्पण करने वालों में 2 DVCM, 3 PPCM, 2 ACM और 4 सदस्य रैंक के माओवादी शामिल हैं। सभी लंबे समय से पुलिस को विभिन्न वारदातों में वांछित थे। लगातार माओवादियों की मुख्यधारा में वापसी से सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ा है।
जानकारी के अनुसार हथियार डालने वालों में रमेश उर्फ भीमा (DVCM), भीमा उर्फ सीडू (DVCM), पोइरये उर्फ लक्की, रतन उर्फ सना, कमला उर्फ राचा, ओरिये उर्फ कुमारी, रामजी उर्फ मुरा, सोनू पोइरयाम, प्रकाश उर्फ पांडू, सिता उर्फ जैनी और साईनाथ शंकर मड़े शामिल हैं। इनमें रमेश उर्फ भीमा और रामजी उर्फ मुरा गढ़चिरोली जिले के रहने वाले हैं, जबकि अन्य 9 माओवादी छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और कांकेर जिलों से आते हैं।
गढ़चिरौली की इस कामयाबी से पहले 8 दिसंबर को एमएमसी जोन के इंचार्ज और सीसी मेंबर रामधेर ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में अपने 10 साथियों के साथ समर्पण कर दिया था। इन 11 माओवादियों पर कुल 2 करोड़ 95 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इनमें से कई वारदातों के मास्टरमाइंड माने जाते थे और लंबे समय से सुरक्षा बलों की सूची में शीर्ष पर थे। पुलिस ने सभी का स्वागत कर उन्हें पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिलाने की प्रक्रिया शुरू की है। बस्तर से लेकर बालाघाट और गढ़चिरोली तक लगातार माओवादी सरेंडर कर रहे हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में वर्ष 2022 से अब तक 146 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं, जबकि साल 2025 में अभी तक ही 112 माओवादी मुख्यधारा में लौट चुके हैं।