
नईदुनिया प्रतिनिधि, सुकमा: माओवादी संगठन का लगातार पतन हो रहा है, जहां एक ओर खूंखार माओवादी हिड़मा मारा गया वहीं ठीक दूसरी ओर उसके साथ काम करने वाले चार साथियों समेत 15 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किया है। इनमें चार महिलाएं भी शामिल है और सभी पर करीब 48 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने पुष्टि करते हुए सभी माओवादियों को प्रोत्साहन राशि और पुर्नवास नीति का लाभ देने की बात कही।
सोमवार देर शाम 4 बजे जिला मुख्यालय स्थित नक्सल सेल कार्यालय में पुलिस अधाीक्षक किरण चव्हाण और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष 15 माओवादियों ने आत्म समर्पण किया। इसमें से चार खूंखार माओवादी हिड़मा के साथ काम कर चुके है। जानकारी के मुताबिक पीएलजीए बटालियन नंबर 01 के चार माओवादी दर्जनों घटनाओं में शामिल रहे है, इसके अलावा सभी माओवादी पिछले कई सालों से संगठन के लिए काम कर रहे है।
वहीं, आत्म समर्पण करने वाले माओवादियों में माड़वी सन्ना पीएलजीए बटालियन 01 की प्लाटून नंबर 2 की डिप्टी कमांडर (8 लाख), सोड़ी हिड़मे पीएलजीए बटालियन 01 की प्लाटून नंबर 2 की सदस्य (8 लाख), सुर्यम उर्फ रव्वा सीआरसी प्लाटून 01 का कमांडर (8 लाख), मीना उर्फ माड़वी भीमे सीआरसी प्लाटून 01 की डिप्टी कमांडर (8 लाख), सुनिता उर्फ कुहराम प्लाटून नंबर 26 की डिप्टी कमांडर ( 5 लाख), मड़कम पांडू पामेड़ एरिया कमेटी कमांडर इनचीफ ( 5 लाख), कुंजाम सिंगा गोलापल्ली एलओएस डिप्टी कमांडर ( 3 लाख), माड़वी सोमड़ी गोमपाड़ आरपीसी अध्यक्ष ( 2 लाख), चिलका उर्फ माड़वी पोज्जे (1 लाख) इनाम, नुप्पो बुधरा, नुप्पो भीमा, मड़कम सुक्का, पोड़ियम जोगा, पोड़ियम लखमा, कोवासी हिड़मा शामिल हैं जो माओवादी संगठन के सदस्य के रूप में पिछले कई सालो से कार्यरत थे।
सभी माओवादियों को प्रोत्साहन राशि दी गई, साथ ही पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात अधिकारियों ने कही। इस दौरान कमांडेंट कमलेश कुमार, सुरेश सिंह पायल, अभिषेक वर्मा, मनीष रात्रे समेत पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
जानकारी के मुताबिक आत्म समर्पण करने वाले सभी माओवादियों के पास किसी भी प्रकार का हथियार नहीं था। बताया जाता है कि सभी माओवादियों ने पहले संगठन में आत्म समर्पण करने की अनुमति मांगी उसके बाद वहां हथियार जमा कराए फिर आत्म समर्पण करने के लिए पुलिस के संर्पक में आए। माओवादी संगठन के सदस्य लगातार आत्म समर्पण कर रहे हैं। इसमें खासबात यह है कि बस्तर के माओवादी बस्तर में आत्म समर्पण कर रहे है जबकि आंध्र और तेलंगाना के माओवादी उन्ही प्रदेशों में आत्म समर्पण कर रहे है।
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माओवादियों के खिलाफ लगातार आपरेशन जारी हैं, कैंप खोले जा रहे हैं। शासन की महत्वकांशी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाई जा रही हैं। सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है, इसलिए बचे हुए सभी माओवादियों से अपील करता हूं कि जल्द आत्म समर्पण करे और शासन की योजनाओं का लाभ लें, क्षेत्र के विकास में भागीदारी निभाएं।
-किरण चव्हाण एसपी सुकमा