नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कम प्रतिशत रिजल्ट के कारण मूल्यांकन पर लगातार आरोप लगते रहे हैं। बीएड चौथे सेमेस्टर के बाद अब विश्वविद्यालय को दूसरे सेमेस्टर के रिजल्ट के कारण नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 15 दिनों में 80 से 85 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इस संदर्भ में विश्वविद्यालय ने एक नया प्रयोग करने का निर्णय लिया है।
कुछ विद्यार्थियों की कापियों की जांच उनके सामने ही शिक्षकों द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है। कुलगुरु डा. राकेश सिंघई ने लगभग 15 विद्यार्थियों की फिजिक्स और गणित की कापियां बुलवाई हैं। अधिकारियों के अनुसार यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि विद्यार्थी अपनी गलतियों को स्वयं देख सकें।
15 सितंबर को विश्वविद्यालय ने बीएड सेकंड सेमेस्टर का परिणाम घोषित किया, जिसमें 5279 में से 2505 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। यानी उत्तीर्ण प्रतिशत लगभग 47 रहा। एटीकेटी पाने वाले 2531 छात्र-छात्राएं हैं, जबकि दो से अधिक विषयों में 202 छात्र फेल हुए हैं। इसके अलावा 39 छात्रों का रिजल्ट रोका गया है। पिछले बीस दिनों से एटीकेटी वाले छात्र प्रदर्शन और शिकायतों में लगे हुए हैं।
छात्रों की मांग है कि कापियों का पुनर्मूल्यांकन किया जाए। अधिकारियों का तर्क है कि रिजल्ट जारी करने से पहले दो बार उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की जा चुकी है और अब सभी उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन संभव नहीं है। इस रवैये से छात्र भड़क गए हैं और तीन दिनों में सीएम हेल्पलाइन पर 79 शिकायतें की गई हैं। साथ ही चार कालेजों के विद्यार्थियों ने भी लिखित आवेदन दिया है।
कुलगुरु ने बढ़ती शिकायतों के कारण परीक्षा और गोपनीय विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें यह तय किया गया कि विद्यार्थियों के सामने कापियां जंचवाई जाएंगी। इसके लिए कुलगुरु ने 15 विद्यार्थियों के नाम चिह्नित किए हैं और उनकी कापियां मूल्यांकन केंद्र से मंगवाई गई हैं। फिजिक्स और गणित विषय के शिक्षकों को भी चिह्नित किया गया है। विद्यार्थियों को दोनों विषयों की किताबों के साथ बुलवाया जाएगा।
विद्यार्थियों के सामने कापियां जंचवाएंगे। इसके लिए तारीख तय होना शेष है। इस विषय पर कुलगुरु से चर्चा करना बाकी है। वैसे अगले सप्ताह शिक्षकों और विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। - डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएवीवी
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने एमपीएड पाठ्यक्रम की परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है। तीसरे सेमेस्टर की 1 नवंबर और पहले सेमेस्टर की 20 नवंबर से पेपर शुरू होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा केंद्र भी तय कर दिए है। दोनों परीक्षाओं में 300 छात्र-छात्राएं सम्मिलित होंगे। नकल रोकने को लेकर विश्वविद्यालय ने उड़नदस्ते और आब्जर्वर रखे जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक परीक्षा दोपहर वाले सत्र में रखी गई है।
एमपीएड तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा 1 से 8 नवंबर तक और पहले सेमेस्टर 20 से 26 नवंबर तक रखी गई है। दोनों सेमेस्टर में चार-चार विषय के पेपर होंगे। विश्वविद्यालय ने कालेजों को विद्यार्थियों की आंतरिक परीक्षा और वायवा करवाने के निर्देश भी दिए है।
इसके लिए विश्वविद्यालय ने पैनल भी बना दी। अधिकारियों के मुताबिक मुख्य परीक्षा संपन्न होने से पहले कालेजों को विद्यार्थियों की आंतरिक परीक्षा संपन्न करवाना है। साथ ही विद्यार्थियों के अंक विश्वविद्यालय को भेजना होंगे। परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी ने कहा कि महीनेभर के भीतर एमपीएड का रिजल्ट निकालेंगे।