
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT इंदौर) में उद्यमिता शिक्षा एवं विकास केंद्र (CEED) और एसीई फाउंडेशन के सहयोग से संचालित होने वाले इन्क्यूबेशन सेंटर इनोवेशन और स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य नए विचारों को व्यावसायिक रूप में विकसित करने में मदद करना है। अब तक सेंटर ने 89 स्टार्टअप्स को आर्थिक रूप से सहयोग किया है। साथ ही विद्यार्थियों के बिजनेस आयडिया को विस्तार किया है। जिनमें 38 सफलतापूर्वक ग्रेजुएट हो चुके हैं। इससे 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
वर्तमान में यहां 51 स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं, जिनमें से करीब 10 बाजार परीक्षण (मार्केट वैलिडेशन) के चरण में हैं। स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए इस केंद्र ने अब तक स्टार्टअप्स इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआइएसएफसी) के तहत 5 करोड़ रुपये और अन्य स्रोतों से 8 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग प्राप्त की है। इन्क्यूबेशन सेंटर न सिर्फ वित्तीय सहायता देता है। बल्कि स्टार्टअप्स को तकनीकी सलाह, मेंटरशिप, सरकारी योजनाओं तक पहुंच और बाजार में प्रवेश की रणनीति भी प्रदान करता है। साथ ही संस्थान के प्रोफेसर, रिसर्च लैब और संसाधनों का भी लाभ स्टार्टअप्स को मिलता है।
अब एमएसएमई मंत्रालय की योजना "एमएसएमई आइडिया हैकथान 5.0" के तहत एक आयोजक संस्थान की भूमिका निभा रहा है। इस हैकथान में नए आइडिया आमंत्रित किए जा रहे हैं, जिन्हें 15 लाख रुपये तक की फंडिंग और इन्क्यूबेशन सहायता दी जा सकती है। आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।
अधिकारियों के मुताबिक पिछली बार आइडिया हैकथान 4.0 में “शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए सस्ता हाई-स्पीड कैमरा” नामक आइडिया को 15 लाख रुपये की सहायता मिली थी। निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने कहा कि हम नए उद्यमियों को संरचित कार्यक्रमों और विशेषज्ञ मार्गदर्शन के जरिए समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्हें निवेशकों, सरकारी योजनाओं और संस्थान के रिसर्च नेटवर्क से जोड़ने का भी काम करते हैं।