
डिजिटल डेस्क। बिहार के शपथ ग्रहण समारोह में जब बाकी मंत्री पारंपरिक कुर्ता-बंडी में दिखे, तब जींस-शर्ट पहनकर मंच पर आए दीपक प्रकाश सबकी नजरों में छा गए। सबसे बड़ी चर्चा यह रही कि दीपक ने चुनाव नहीं लड़ा, फिर भी उन्हें मंत्री पद मिल गया। वे RLM प्रमुख और एनडीए सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं, उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना होगा।
दीपक प्रकाश का जन्म 22 अक्टूबर 1989 को हुआ। उन्होंने 2005 में दसवीं और 2007 में बारहवीं पूरी की। इसके बाद वे इंजीनियरिंग पढ़ने मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहुंचे, जहां से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। 2011 से 2013 तक दीपक ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया और बाद में स्वरोजगार से जुड़े। उसी दौरान पिता की राजनीतिक गतिविधियों से प्रभावित होकर राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय होने लगे।
दीपक 2019-20 से अपने पिता के संगठनात्मक कामों में शामिल होने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने पार्टी की रणनीति, संगठन और चुनावी प्रक्रियाओं में भूमिका निभाना शुरू की। उनकी मां स्नेहलता सासाराम से विधायक हैं यानी दीपक पूरी तरह राजनीतिक वातावरण में पले-बढ़े और अब परिवार की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ा रहे हैं।
मंत्री पद मिलने पर दीपक ने कहा - 'मैं राजनीति में नया नहीं हूं। बचपन से पिताजी को काम करते देखा है और पिछले 4-5 वर्षों से पार्टी में सक्रिय हूं।' उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके लिए यह पद अचानक मिला जरूर, लेकिन वे संगठनात्मक रूप से लंबे समय से सक्रिय थे।
जब सभी नेता पारंपरिक वस्त्रों में थे, तब दीपक के जींस-शर्ट में आने पर सवाल उठे। इस पर उन्होंने कहा - “लोकतंत्र में सहजता जरूरी है। मैं जिस पहनावे में कम्फर्टेबल था, उसी में शपथ लेने गया। इससे राजनीति आम लोगों के और करीब आती है।”