एंटरटेनमेंट डेस्क। भारतीय विज्ञापन जगत के मशहूर क्रिएटिव मास्टर और ओगिल्वी इंडिया के दिग्गज पीयूष पांडे का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे चार दशकों से अधिक समय तक ओगिल्वी इंडिया में काम करते रहे और भारतीय विज्ञापन को नई ऊंचाइयों तक ले गए।
पांडे को ‘फेविकोल का जोड़’, ‘हर खुशी में रंग लाए’ और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान का स्लोगन ‘अबकी बार मोदी सरकार’ जैसी यादगार कैंपेन के लिए जाना जाता है।
उनके निधन की जानकारी स्तंभकार सुहेल सेठ ने सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की और लिखा, 'भारत ने एक महान विज्ञापन दिग्गज, एक सच्चे देशभक्त और बेहतरीन इंसान को खो दिया। अब जन्नत में भी गूंजेगा ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’।'
पीयूष पांडे ने 1982 में ओगिल्वी एंड माथर इंडिया (अब ओगिल्वी इंडिया) में प्रशिक्षु खाता कार्यकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। अपनी रचनात्मक प्रतिभा के दम पर वे जल्दी ही क्रिएटिव टीम का हिस्सा बन गए और भारतीय विज्ञापन जगत में नई पहचान बनाई।
पांडे एशियन पेंट्स के 'हर खुशी में रंग लाए', 'कैडबरी कुछ खास है' और फेविकोल की प्रतिष्ठित 'एग' फिल्म जैसी ऐड कैंपेन के जनक थे। फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने कहा, 'फेविकोल का जोड़ टूट गया। विज्ञापन जगत ने आज अपना गोंद खो दिया।'
पीयूष पांडे ने भारत की विविधता में एकता को दर्शाने वाले गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ को भी लिखा। इसके अलावा, उन्होंने वोडाफोन (हच) और अन्य ब्रांड्स के लिए भी सफल कैंपेन तैयार किए। उनका स्लोगन ‘अबकी बार मोदी सरकार’ बड़े पैमाने पर चर्चित हुआ।
पीयूष पांडे 2004 में कान्स लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी में जूरी अध्यक्ष बनने वाले पहले एशियाई बने। उनके योगदान को 2012 में क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा, 'पद्मश्री पीयूष पांडे के निधन पर शब्द कम हैं। विज्ञापन जगत में उनकी रचनात्मक प्रतिभा ने हमें अविस्मरणीय और कालातीत कहानियां दीं। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।'
पीयूष पांडे न केवल विज्ञापन की दुनिया में क्रांतिकारी थे, बल्कि उनके विचार और रचनाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।