
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। यह कहावत बिल्कुल सच है कि "दोस्त वह परिवार है जिसे हम खुद चुनते हैं।" एक वफादार दोस्त हमारी जिंदगी को संवार देता है, लेकिन एक नकली दोस्त किसी 'आस्तीन के सांप' से कम नहीं होता। ये लोग आपके साथ तो हंसेंगे, पर मौका मिलते ही आपकी जड़ों को कमजोर करने की कोशिश करेंगे।
अक्सर हम भावनाओं में बहकर ऐसे लोगों पर भरोसा कर लेते हैं जो हमारे विश्वास के लायक नहीं होते। मनोविज्ञान और अनुभव पर आधारित, यहां 5 ऐसे अचूक तरीके दिए गए हैं जिनसे आप तुरंत असली और जहरीले (नकली) दोस्त के बीच का अंतर पहचान सकते हैं...
नकली दोस्त की सबसे बड़ी पहचान उनका 'मौसमी पंछी' जैसा व्यवहार है। जब आपके पास पैसा हो, पार्टी हो या मौज-मस्ती का माहौल हो, तो वे हाजिर होंगे। लेकिन जैसे ही आप किसी आर्थिक तंगी, बीमारी या बड़ी मुश्किल में फंसेंगे, वे अचानक 'गायब' हो जाएंगे। उनका फोन 'स्विच ऑफ' रहेगा या उनके पास हमेशा "यार, मैं बहुत बिजी था" जैसा कोई न कोई खोखला बहाना तैयार रहेगा।
एक सच्चा साथी आपकी जीत को अपनी जीत समझता है, लेकिन 'आस्तीन का सांप' आपकी तरक्की देखकर कभी दिल से खुश नहीं हो सकता। जब आपको प्रमोशन मिले, कोई बड़ी उपलब्धि हासिल हो, या कोई अच्छी खबर आए, तो उनके चेहरे के भाव पर ध्यान दें। अगर वे बधाई देने के बजाय व्यंग्य कसते हैं ("तुझे तो बस किस्मत से मिल गया") या उनके चेहरे पर जलन का भाव साफ दिखता है, तो तुरंत सावधान हो जाइए।
दोस्तों के बीच हल्की-फुल्की हंसी-मज़ाक और टांग खिंचाई चलती है, लेकिन नकली दोस्त अक्सर लोगों के सामने आपको नीचा दिखाने की कोशिश करता है। वे महफ़िल में आपकी कमज़ोरियों का मज़ाक उड़ाएंगे और जब आप आहत होंगे, तो झट से कहेंगे—"अरे, तू तो बुरा मान गया, मैं तो बस मज़ाक कर रहा था।" याद रखें, जो दोस्त आपकी इज्जत नहीं कर सकता, वह कभी आपका सच्चा दोस्त नहीं हो सकता।
क्या आपका दोस्त दूसरों की गोपनीय बातें और राज़ आपको बताता है? अगर हाँ, तो यह तय मानिए कि वह आपकी बातें भी दूसरों को बताता होगा। एक नकली दोस्त कभी भी राज़ को राज़ नहीं रख सकता। उनका मुख्य काम ही 'डाकिया' बनकर खबरों को इधर से उधर पहुँचाना होता है। ऐसे गॉसिप करने वाले लोगों के सामने अपना दिल खोलने से पहले सौ बार सोचें।
एक अच्छी दोस्ती में बातचीत हमेशा दोतरफा होती है, लेकिन नकली दोस्त को सिर्फ खुद से मतलब होता है। जब आप अपनी कोई समस्या या दुख साझा करना चाहेंगे, तो वे तुरंत आपको काटकर अपनी ही समस्या या उपलब्धि सुनाना शुरू कर देंगे। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं; उन्हें बस एक सुनने वाला चाहिए जो उनकी तारीफ करे।
अगर आपको अपने सर्कल में ऊपर दी गई निशानियों वाला कोई व्यक्ति दिखता है, तो उनसे तुरंत और धीरे-धीरे दूरी बना लें। याद रखें, सौ नकली दोस्तों से बेहतर है कि आपके पास एक सच्चा दोस्त हो। अपनी ज़िंदगी से ऐसे 'जहरीले' लोगों को बाहर निकालें और अपनी मानसिक शांति (Mental Health) को हमेशा प्राथमिकता दें।