
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। मिशन 2026 को लेकर बालाघाट पुलिस ने जिले के जंगलों में जान बचाकर इधर-उधर माओवादियों की घेराबंदी तेज कर दी है। इसमें प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों में माओवादियों के डर व दबाव से बाहर निकालने के प्रयास तेज हो गए हैं। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा लगातार जिले के माओवाद प्रभावित क्षेत्र के गांवों का दौरा कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ एमपी, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारी इंटर स्टेट बार्डर मीटिंग में माओवाद के खात्मे के लिए रणनीति बना रहे हैं। रविवार को एमपी और छत्तीसगढ़ के बीच ये बैठक हुई। इसके अलावा बालाघाट के हर्रानाला, माटे, चौरिया, पालागोंदी, पितकोना, सोहनडोंगरी जैसे 10 गांवों में बैठक कर एसपी ने आदिवासी ग्रामीणों को माओवादियों की खोखली विचारधारा से अवगत कराया है।
हाल ही में एसपी मिश्रा ने हर्रानाला और चौरिया पहुंचे। हर्रानाला में एसपी मिश्रा ने ग्रामीणों को माओवादियों की मदद न करने, उनसे न डरने का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने भी एसपी को भरोसा दिया कि अब वह माओवादियों के दबाव में नहीं आएंगे। न उनकी मदद करेंगे और न ही उनका समर्थन। अगर गांव का कोई व्यक्ति उनकी मदद करता है, तो वे उसे समझाएंगे। इसके बाद भी वह माओवादियों की मदद करना नहीं बंद करता है, तो इसकी सूचना पुलिस को देंगे। एसपी ने ग्रामीणों में देशभक्ति की भावना जागृत करने सामूहिक राष्ट्रगान गाया और भारत माता की जय के जयकारे भी लगाए।
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पुलिस जानकारी के अनुसार, माओवाद के समूल नाश के लिए चलाए जा रहे मिशन 2026 के लिए एमपी, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं। इसी कड़ी में बालाघाट में दो दिवसीय इंटर स्टेट बार्डर मीटिंग हुई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व भारत सरकार के 18 पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवाद के खात्मे के लिए रणनीति बनाई गई। रविवार को बैठक का समापन हुआ। ये बैठक जिले के बैहर क्षेत्र में हुई। इसमें शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ व भारत सरकार के उच्च अधिकारियों का विमान बिरवा हवाई पट्टी पर उतरा। बैठक में नक्सल उन्मूलन अभियान व जारी सर्चिंग आपरेशन से बदलते परिदृश्य में सुदृढ़ रणनीति पर गहन चर्चा हुई।