केले के मिल रहे कम दाम, फसल काटकर गाय-बैलों को खिलाने पर मजबूर हुए बड़वानी के किसान
नर्मदा पट्टी क्षेत्र में बड़वाीन जिले में केला उत्पादन बेहतर होता है। यहां पर उत्पादित केला कई राज्यों को भेजा जाता है। इसमें राजस्थान, गुजरात, हरियाणा व दिल्ली शामिल है। वहीं इस बार कम दाम व खराब हालात के कारण किसानों को अपनी फसल नष्ट करनी पड़ रही है। किसानों के अनुसार यदि केले के दाम नहीं मिलेंगे तो कैसे चलेगा।
Publish Date: Fri, 05 Dec 2025 01:18:11 PM (IST)
Updated Date: Fri, 05 Dec 2025 01:30:54 PM (IST)
खेत में केले और उसकी फसल खाते हुए मवेशी।HighLights
- दाम तो दूर मजदूरी की लागत भी नहीं निकल पा रही है
- केले का भाव थोक में दो रुपये प्रति किलो मिल रहा है
- उत्पादन की लागत 5 से 6 रुपये प्रति किलो आ रही है
नईदुनिया प्रतिनिधि, बड़वानी। क्षेत्र में केला उत्पादक किसानों को इन दिनों फसल के दाम नहीं मिलने से आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। केले के कम दाम मिलने से गुस्साए किसान फसल को काटकर मवेशियों को केले खिला रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे अपनी फसल को खेत से उखाड़कर फेंकने को मजबूर हैं।
दरअसल, नर्मदा पट्टी क्षेत्र में केला उत्पादन बेहतर होता है। यहां पर उत्पादित केला कई राज्यों को भेजा जाता है। इसमें राजस्थान, गुजरात, हरियाणा व दिल्ली शामिल है। वहीं इस बार कम दाम व खराब हालात के कारण किसानों को अपनी फसल नष्ट करनी पड़ रही है। किसानों के अनुसार यदि केले के दाम नहीं मिलेंगे तो कैसे चलेगा।
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दाम तो दूर मजदूरी की लागत भी नहीं निकल पा रही है। ग्राम बगूद के किसान अनिल जाट का कहना है कि केले का भाव थोक में दो रुपये प्रति किलो मिल रहा है जबकि उत्पादन लागत 5 से 6 रुपये प्रति किलो आ रही है। ऐसे में किसानों के सामने फसल को नष्ट करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। किसानों ने उचित दाम दिए जाने की मांग की है।