
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में छह वर्षों में 268 बाघों की मृत्यु हुई है। वर्ष 2020 से 2024 तक 214 बाघों की मृत्यु हुई तो अकेले वर्ष 2025 में ही 13 दिसंबर तक 54 बाघ मरे हैं। इस माह 10 से 13 दिसंबर तक पांच बाघों की मौत हो चुकी है, इनमें से उमरिया स्थित संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के दो भी शावक शामिल हैं। हाल ही के दिनों में रातापानी, सतपुड़ा, पेंच, कान्हा टाइगर रिजर्व, और उसके बाहर बालाघाट के कंटगी में भी बाघों की मौत के मामले प्रकाश में आए हैं।

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इन मौतों की बड़ी वजह सरकारी लापरवाही और निगरानी तंत्र की विफलता है। बाघों की मृत्यु ने प्रदेश के वन्यजीव प्रबंधन पर कई सवाल उठाए हैं। वहीं छह वर्षों में मरे 268 बाघों में से 120 की मृत्यु का कारण अवैध शिकार होने की आशंका जताई जा रही है। बाघों के शिकार में अंतरराष्ट्रीय तस्करों की संलिप्तता का संदेह भी जताया जा रहा है। हाल ही में इंटरपोल की वांटेड अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा और 10 साल से वांछित मिजोरम के कोलासिब निवासी अंतरराष्ट्रीय पेंगोलिन तस्कर लात्लेंन कुंगा की गिरफ्तारी के बाद शिकार का संदेह और बढ़ गया है। यांगचेन को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है तो वहीं लाल्लेंन को 18 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में कई अन्य जानकारी भी सामने आने की उम्मीद हैं।

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मप्र के कोर एरिया में पर्यटकों के मोबाइल ले जाने पर लगाई पाबंदी मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में मोबाइल का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक सुभरंजन सेन ने आदेश जारी कर दिया है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीएन गोधावर्मन बनाम भारत संघ व अन्य प्रकरण में 17 नवंबर 2025 को दिए गए आदेश के पालन में की गई है। इसके बाद अब टाइगर रिजर्व के कोर हैबिटेट के पर्यटन क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। मोबाइल ले जाने पर पाबंदी से वन्यजीव क्षेत्र में शांति बनी रहेगी।

मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बाघों की मौत से नाराज वन बल प्रमुख व्हीएन अंबाडे ने लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध सीधे कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने माना है कि टाइगर रिजर्व और जंगलों में बाघों की मौतें हो रही है और मैदानी अमले को पता नहीं चल रहा, यह सबसे बड़ी चूक है।

मप्र में वर्षवार बाघों की मौत वर्ष-- मप्र-- देश 2020--46-- 106 2021-- 34-- 129 2022-- 43-- 122 2023 -- 45-- 182 2024-- 46-- 126 2025 -- 54-- 162 (13 दिसंबर तक) कुल -- 268- 827