
सुशील पांडेय, नवदुनिया, भोपाल: भोपाल-मढ़ई-पचमढ़ी पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा का संचालन फिर शुरू करने के लिए मप्र पर्यटन बोर्ड ने नए सिरे से तैयारी शुरू की है। इसके लिए मढ़ई के पास सोहागपुर और पचमढ़ी के पास सिमारा में हेलीपैड बनाए जा रहे हैं। यह दोनों स्थान इको सेंसेटिव जोन से बाहर हैं।
हालांकि इससे भोपाल से पचमढ़ी की यात्रा का समय एक घंटे से अधिक हो जाएगा, जबकि सेवा की शुरुआत में भोपाल से पचमढ़ी 60 मिनट में पहुंचाने का दावा किया गया था और ऐसा हुआ भी। पर्यटन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक भोपाल-पचमढ़ी उड़ान को जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह से फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
प्रदेश में पर्यटन स्थलों के भ्रमण और यात्रा को सुगम बनाने के लिए मप्र के स्थापना दिवस के मौके पर पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा का शुभारंभ किया गया था, जिसका नियमित संचालन 20 नवंबर से प्रारंभ हुआ था। इसके तहत हवाई मार्ग को तीन सेक्टरों में बांटते हुए छह-छह सीटर तीन हेलीकाप्टर का संचालन शुरू किया गया। आध्यात्मिक सेक्टर के अंतर्गत इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर, वाइल्डलाइफ सेक्टर में जबलपुर-कान्हा और बांधवगढ़ तथा इको टूरिज्म सेक्टर में भोपाल-मढ़ई-पचमढ़ी के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू की गई थी।
आध्यात्मिक और वाइल्ड लाइफ सेक्टर में तो हेलीकाप्टर का संचालन सुचारू रूप से चल रहा है, लेकिन इको टूरिज्म सेक्टर में हेलीपैड नेशनल पार्क के इको सेंसेटिव जोन में आने के कारण सेवा को बंद करना पड़ा। अब इसे फिर से शुरू करने की प्रक्रिया जारी है।
बताया जा रहा है कि बिना ठोस तैयारी और पेपर वर्क के भोपाल-मढ़ई-पचमढ़ी पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा शुरू हुई थी। इको सेंसेटिव जोन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद इस सेवा को तीसरे दिन ही रोकना पड़ा था, जो आज तक बंद है। वहीं, इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर रूट में सेवा को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है।
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इस सेवा की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि भोपाल से पचमढ़ी तक की यात्रा केवल एक घंटे में पूरी हो रही थी, लेकिन अब नए प्लान के मुताबिक ऐसा संभव नहीं हो पाएगा, क्योंकि नए हेलीपैड मढ़ई से 20 किमी और पचमढ़ी से 26 किमी दूर बनाए जा रहे हैं। इससे पर्यटकों को हेलीकाप्टर से उतरकर आधा घंटा की यात्रा सड़क मार्ग से करनी होगी, हालांकि इसके लिए वाहन उपलब्ध रहेंगे।
अभी पीएमश्री पर्यटन हेली सेवा से यात्रा करने के लिए यात्रियों को राजा भोज विमानतल जाना पड़ता है, इसमें समय की बर्बादी होती है। इसी समस्या को देखते हुए शहर के पास हेलीपेड बनाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए सर्वे भी पूरा हो चुका है। संभवत: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर में हेलीपैड का निर्माण किया जा सकता है।
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पर्यटन बोर्ड से मिले आंकड़ों के मुताबिक, आध्यात्मिक और वाइल्डलाइफ सेक्टर में तय शेड्यूल के मुताबिक हेलीकाप्टर सेवा को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। सप्ताह में पांच दिन (बुधवार, गुरुवार को छोड़कर) चलने वाली सेवा में आध्यात्मिक सेक्टर (इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर) में 20 नवंबर से अब तक तक ढाई सौ पर्यटक यात्रा कर चुके हैं। वहीं, वाइल्डलाइफ सेक्टर में (जबलपुर-कान्हा-बांधवगढ़) इसी अवधि में यात्रियों का आंकड़ा डेढ़ सौ के करीब है।