नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में लंबे समय से चल रहे बाइक चोरी के आन डिमांड गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए कोहेफिजा और शाहजहांनाबाद थाना पुलिस ने सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों की गिरोह ग्राहकों की डिमांड पर उनकी मनपसंद बाइकें चुराती थी और फिर दूसरी गैंग उन बाइकों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर अनुबंध पत्र पर बेच देती थी। वहीं जिन बाइकों के ग्राहक बदमशों को नहीं मिलते थे उनके इंजन समेत सभी पार्ट्स दूसरी बाइकों में लगाकर बेचे जाते थे।
पिछले महीने कोहेफिजा क्षेत्र के शिखा टावर के पास एक महिला की स्कूटी चोरी की शिकायत पर पुलिस ने जांच की तो सीसीटीवी और लोकल इंटेलीजेंस के जरिए एक मैकेनिक को पकड़ा, पूछताछ में उसने गिरोह को बेनकाब कर दिया। आरोपियों के कब्जे से चोरी की 8 बाइकें और तीन बाइकों के पार्ट्स जब्त किए गए हैं। इस गिरोह का मास्टर माइंड मैकेनिक निकला, जो ग्राहकों से उनकी मनपसंद बाइक की सूची बनाकर उसे चुरवाकर उपलब्ध करवाता था।
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कोहेफिजा थाना प्रभारी कृष्णगोपाल शुक्ला के अनुसार कोहेफिजा निवासी 24 वर्षीय नवेद खान लालघाटी क्षेत्र में बाइक सर्विस व रिपयेरिंग की वर्कशॉप चलाता है। वहीं इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है। नवेद के पास कई ग्राहक आते हैं, जो सैकेंड हैंड बाइकों के बारे में पूछते हैं। नवेद उन बाइकों की लिस्ट बनाकर शाहजहांनाबाद निवासी 19 वर्षीय अरशान को देता था। अरशान ये बाइकें चुराकर नवेद को देता था। बाद में अपने दूसरे साथी करोंद निवासी 23 वर्षीय साहिल को बेचता था। बाद में साहिल से बाइक इमरान के पास जाती जो सलमान और हैदर के जरिए बागदिलकुशाबाद निवासी 37 वर्षीय सज्जाद खान के संपर्क में आए। सज्जाद जिंसी तिराहे पर सीएससी (कस्टमर सर्विस सेंटर) की संचालित करता है, जहां सभी प्रकार के आनलाइन काम किए जाते हैं।
एडिशनल डीसीपी जोन-3 शालिनी दीक्षित ने बताया कि आरोपित सज्जाद बाइक की नंबर प्लेट और चेसिस के जरिए ऑनलाइन वेबसाइट पर उपलब्ध बाइक की सभी जानकारी एकत्रित कर लेता था और उसके माध्यम से ग्राफिक्स पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कार्ड तैयार कर लेता था। उनके पास से रजिस्ट्रेशन कार्ड तैयार करने वाली शीट और अन्य महत्वपूर्ण सामान जब्त किया है। संभावना है कि वे इस वारदात को अंजाम देने किसी आरटीओ एजेंट की भी सहायता लेते थे। आरोपितों को फिलहाल पुलिस रिमांड पर लिया है ताकि गिरोह से जुड़े यदि अन्य लोग हैं तो उन्हें पकड़ा जा सके। साथ ही फर्जी दस्तावेजों तैयार करने की तकनीकी प्रक्रिया को और भी बेहतर ढ़ग से समझा जा सके।