
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में आधार कार्ड का बायोमेट्रिक अपडेट कराकर मुन्नाभाइयों ने सॉल्वर बैठाया। ऐसे मामले उजागर होने के बाद कर्मचारी चयन मंडल ने भर्ती परीक्षा में बड़ा बदलाव किया है। पुलिस की भर्ती में अब 30 प्रतिशत अभ्यर्थियों के चेहरे की पहचान (फेस रिकग्नीशन) भी परीक्षा के दौरान कराया जा रहा है। इस प्रक्रिया में समय अधिक लगता है, इस कारण औचक तौर पर 30 प्रतिशत अभ्यर्थियों का ही फेस रिकग्नीशन लिया जा रहा है।
मंडल के अधिकारियों ने बताया कि संभवत: किसी राज्य की भर्ती परीक्षाओं में अभी यह व्यवस्था प्रभावी नहीं है। यूपीएससी ने इसी वर्ष ईपीएफओ की परीक्षा में इसे सम्मिलित किया है। लिखित परीक्षा 30 अक्टूबर से प्रारंभ हुई जो 15 दिसंबर तक चलेगी। इसके अतिरिक्त सभी अभ्यर्थियों का रेटिना का स्कैन भी किया जा रहा है। पहली बार है जब किसी परीक्षा में सभी अभ्यर्थियों का रेटिना स्कैन लिया जा रहा है।
बता दें कि कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षाओं में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी सम्मिलित होते हैं। पिछली परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा के पहले अपना नाम के साथ आधार बायोमेट्रिक अपडेट कराकर सॉल्वर का फिंगर प्रिंट जुड़वा दिया था। बाद में शारीरिक दक्षता परीक्षा के पहले अपने नाम से फिर अपना ही बायोमेट्रिक अपडेट करा लिया था।
शंका होने पर पुलिस ने चरित्र सत्यापन के दौरान अभ्यर्थियों से स्वीकृति लेकर आधार अद्यतन की जानकारी निकाली। जिन्होंने कई बार आधार अपडेट कराया था, उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो गड़बड़ी सामने आई। प्रदेश के नौ जिलों में 50 से अधिक ऐसे अभ्यर्थी मिले थे, जिन्होंने अपनी जगह सॉल्वर को बैठाया था। अब तक अभ्यर्थी, सॉल्वर, कियोस्क संचालक आदि के विरुद्ध 200 एफआइआर दर्ज की जा चुकी है।