
नईदुनिया, भोपाल : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने कहा है कि आयकर रिटर्न नहीं भरने, सूचना देने के बाद आयकर नहीं भरने वालों की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से भी पहचान की जा रही है। कमी पता कर ईमेल या अन्य माध्यमों से सूचित करते हैं। इसके के बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आय का मूल्यांकन किया जाता है। आगे इन्फोर्समेंट यानी सर्वे या सर्च की कार्रवाई की जाती है।
गुरुवार से शुरू हुई दो दिन की आल इंडिया टीडीएस कांफ्रेंस का शुभारंभ करने भोपाल आए अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में यह बात कही। कांफ्रेंस में सीबीडीटी के सदस्य, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, मुख्य आयुक्त टीडीएस व अन्य अधिकारी विभिन्न विषयों पर मंथन कर रहे हैं।
रवि अग्रवाल ने बताया कि आयकर अधिनियम 2025 का क्रियान्वयन एक अप्रैल 2026 से किया जाना है। इसमें इस बात पर जोर दिया जा रहा कि एक्ट को बहुत ही सरल शब्दों में आमजन तक पहुंचाया जाए। पत्राचार की भाषा सरल हो। कांफ्रेंस में टीडीएस को लेकर आ रही शिकायतें, टीडीएस के अनुपालन में आने वाले अंतर, क्षेत्रवार विश्लेषण, धोखाधड़ीपूर्ण टीडीएस दावे, अभियोजन और राज्य सरकारों के साथ टीडीएस वसूली में समन्वय पर चर्चा की जा रही है।
कांफ्रेंस में सीबीडीटी के सदस्य पंकज कुमार मिश्रा ने टीडीएस के अनुपालन (कंप्लायंस) में कमी पर चिंता जताई। कहा- धारा 192 यानी वेतन पर टीडीएस में स्वायत्त संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और राज्य सरकार के विभागों तक निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है।
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सात प्रतिशत आयकर संग्रहण बढ़ा पत्रकारों से बातचीत में रवि अग्रवाल ने बताया कि बीते वित्तीय वर्ष में इसी अवधि की तुलना इस वर्ष अब तक नेट आयकर संग्रहण में देशभर में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मप्र में यह वृद्धि 6.99 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने करदाताओं तक पहुंच का तरीका बदला है।
अब सेवा पर अधिक जोर है। करदाताओं को सुविधा दी गई है कि चार वर्ष में कभी उनसे रिटर्न भरने में गलती हुई तो सुधार सकते हैं। पिछले दो वर्ष से लागू इस व्यवस्था में एक करोड़ लोगों ने सुधार कराया है।
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