
धनंजय प्रताप सिंह, नईदुनिया। भोपालः ग्वालियर के पूर्व राजघराने के 'श्रीमंत' यानी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले दर्द को कांग्रेस भूल नहीं पा रही है। कांग्रेसी नेताओं के मुंह से उनकी चर्चा सुनाई दे ही जाती है। कुछ ऐसा ही मंगलवार को भी हुआ। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने पहुंचे तो पूछ लिया कि आपके सिंधिया जी कैसे हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया-वह अच्छे, स्वस्थ और प्रसन्न हैं। इसी बीच वहां बैठे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ठहाके लगाते हुए कह दिया कि अब आपके सिंधिया जी हमारे हो गए हैं।
दरअसल, कमल नाथ अब तक अपनी सरकार 15 महीने में ही गिर जाने का दर्द भूल नहीं पाए हैं। वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 विधायकों के पार्टी छोड़ने के कारण गिर गई थी। राजनीति के जानकार इस वार्तालाप में कमल नाथ का पुराना दर्द ही देख रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमल नाथ इन दिनों केवल विधायक हैं। संगठन में भी उनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। कांग्रेस की नई पीढ़ी भी उन्हें वह महत्व नहीं दे रही है, जिसके वह हकदार हैं।
इधर, ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में आगे बढ़ते हुए सभी देख ही रहे हैं। भाजपा ने ज्योतिरादित्य को पहले राज्यसभा में भेजा, केंद्रीय मंत्री बनाया और फिर वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में सांसद केपी यादव का टिकट काटकर चुनाव मैदान में उतारा। मोदी सरकार में उन्हें दूसरी बार मंत्री बनाया गया। कमल नाथ भी महसूस कर रहे होंगे कि वह भी ज्योतिरादित्य की राह पर चल देते तो ठीक रहता। उनकी यही पीड़ा भाजपा नेताओं के साथ बातचीत में दिखाई दी।
